
शराब प्रेमियों की पसंद और उनकी जेब के मुताबिक बाजार में विभिन्न किस्म के एल्कॉहलिक ड्रिंक्स मौजूद हैं. इनमें एल्कॉहल की प्रतिशतता अलग-अलग होती है. मसलन, बीयर में 4-8% तो कुछ दूसरी किस्म की शराब में 40% से ज्यादा एल्कॉहल की मात्रा होती है. भारत में तो आम तौर पर 50 फीसदी से ज्यादा तीव्रता वाले ड्रिंक्स की कल्पना भी नहीं की जाती. ऐसे में एल्कॉहल से सराबोर ऐसे वोदका या रम की कल्पना कीजिए, जिसकी सीधे एक घूंट नीट पीने पर लोगों की जान पर बन आए. जी हां, ऐसे कई ड्रिंक्स दुनिया में उपलब्ध हैं, जिनमें हैरान करने वाली मात्रा में एल्कॉहल प्रतिशतता है. ये शराब इतनी खतरनाक हैं कि इनकी बोतलों पर दर्जन भर तक चेतावनियां लिखी रहती हैं. ये आसानी से बाजार में उपलब्ध नहीं होते. कुछ की तो सीधे खरीद-फरोख्त या उनके साथ यात्रा करने पर भी प्रतिबंध है. जब इनको पीना इतना खतरनाक है तो सवाल उठना लाजिमी है कि इनको बनाने की जरूरत ही क्या है?
वाइन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इनको सीधे बिना कुछ मिलाए पीने के लिए नहीं बनाया गया. इन्हें जूस या दूसरे नॉन एल्कॉहलिक तरल पदार्थों में मिलाकर कॉकटेल ड्रिंक्स तैयार करने में इस्तेमाल किया जा सकता है. सिर्फ इसी तरह से इनको गले से आसानी से नीचे उतारना मुमकिन है. इसके अलावा, मेडिकल उद्देश्यों से भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है. बता दें कि भारत में एल्कॉहलिक ड्रिंक्स की तीव्रता मापने की ईकाई 'पर्सेंटेज एथेनॉल बाई वॉल्यूम' या % v/v है. मसलन, भारत में बिकने वाली व्हिस्की की बोतलों पर एल्कॉहल की प्रतिशता 42.8% VV के तौर पर दर्ज होती है. इसका मतलब उसमें 42.8% एल्कॉहल है. वहीं, अमेरिका में एल्कॉहल की तीव्रता प्रूफ (Proof) में मापी जाती है. आम तौर पर % VV में तीव्रता प्रूफ का आधा होता है. यानी 100 प्रूफ यानी 50% v/v तीव्रता. आइए, तो जानते हैं, दुनिया के ऐसी 7 'खतरनाक' शराब के बारे में, जिनमें एल्कॉहल जानलेवा मात्रा में उपलब्ध होती है.
Polmos Spirytus Rektyfikowany Vodka: नाम ऐसा कि पढ़ने में ही जुबान लड़खड़ा जाए. पोलैंड में बनी इस वोदका का नाम है पोलमॉस स्पिरिटस रेक्टिफिकोवानी. इसमें 96% एल्कॉहल होता है. इसका इस्तेमाल मेडिकल उद्देश्य या दूसरे कॉकटेल्स या ड्रिंक्स के लिए बेस स्पिरिट के तौर पर किया जाता है. दावा है कि यह बाजार में मौजूद सबसे स्ट्रॉन्ग वोदका है. नवंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया की एक टीएनजर निकोल बिकनेल ने 18वें जन्मदिन के जश्न पर इसके कुछ शॉट्स पिए, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई थी.

Everclear 190: मक्के से तैयार इस अमेरिकी स्पिरिट में 95% एल्कॉहल है. यह इतनी स्ट्रॉन्ग और खतरनाक है कि अमेरिका के कई राज्यों में इस पर बैन लग चुका है. इसकी बोतल पर कई तरह की चेतावनियां भी छपी होती हैं मसलन कि इसे नीट न पीएं या इसे आग की लपटों से दूर रखें. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी जगह मिल चुकी है. कुछ लोग तो इसे एंटीबैक्टीरियल या रूम स्प्रे की तरह भी यूज करते हैं.
Bruichladdich X4 Quadrupled Whisky : यह व्हिस्की स्कॉटलैंड में तैयार की जाती है. इसके नाम का उच्चारण है ब्रुख़लाडी एक्स4. इसे चार बार डिस्टिलेशन (quadruple distillation) की प्रक्रिया से गुजारकर तैयार किया जाता है. इसमें एल्कॉहल की मात्रा 92% होती है. दावा है कि यह अभी तक की बनी सबसे स्ट्रॉन्ग सिंगल मॉल्ट विस्की है. टीवी प्रेजेंटर जेम्स मे ने तो एक बार इस व्हिस्की को डालकर स्पोर्ट्स कार भी दौड़ाई थी.
Hapsburg Absinthe XC: व्हिस्की, रम आदि की तरह ही एब्सिंथ (Absinthe) भी एक तरह का एल्कॉहलिक ड्रिंक है. यह अमूमन हरे रंग का होता है. एल्कॉहलिक तीव्रता के मामले में इटली की Hapsburg Absinthe XC भी बेहद कुख्यात है. इसमें 89.9% एल्कॉहल होता है. इसका इस्तेमाल दूसरे ड्रिंक्स के साथ मिक्स करने के लिए किया जाता है.
Balkan 176 Vodka: इस वोदका को सर्बिया में तैयार किया जाता है. इसमें 88 प्रतिशत एल्कॉहल है. ये इतनी खतरनाक है कि इसकी बोतल पर13 अलग-अलग किस्म की स्वास्थ्य संबंधित चेतावनियां दर्ज होती हैं. यह एक रंगहीन, स्वादहीन एल्कॉहल है. इसे पीने के बाद हुए एल्कॉहल पॉइजनिंग की वजह से लोगों के मरने से जुड़ी खबरें सामने आ चुकी हैं.
Sunset Very Strong Rum: कैरेबियन द्वीप सेंट विंसेन्ट में बनी इस रम में 84.5% प्रतिशत एल्कॉहल होती है. बारटेंडर इसे सीधे पीने से मना करते हैं क्योंकि ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है. इसे कुछ दूसरे ड्रिंक्स का बेस बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. यहां तक कि किसी दूसरे ड्रिंक्स में भी मिलाकर पीने के बावजूद बहुत ज्यादा मात्रा में पीने पर यह बड़ा नुकसान कर सकती है.
Bacardi 151: कैरेबियन द्वीप प्यूरिटो रिको में तैयार इस रम में 75.5% एल्कॉहल होती है. इसकी बोतल में स्टेनलेस स्टील की फ्लेम अरेस्टर कैप लगी होती है. यह इतनी ज्वलनशील होती है कि आग लगने से रोकने के लिए ऐसा किया जाता है. वाइन एक्सपर्ट इस रम को भी सीधे पीने से मना करते हैं. इस रम को बनाने के लिए शीरे का इस्तेमाल किया जाता है.