मछली अन्य व्यंजनों के मुकाबले बेहद अलग है. इसे खाने से लेकर बनाने तक के लिए कई अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. खाने में कांटों से लेकर बनाने में गंध और तेल की छटपटाहट तक कई तरह की दिक्कतें होती हैं, लेकिन इसे खाने और बनाने वालों का शौक रखने वाले इन सब चीजों से निपटने के तरीके भी जानते हैं. आज हम आपको मछली को तेल में फ्राई करने के लिए कुछ टिप्स बताएंगे, जिससे तेल की छीटें कम हों और जलने का डर न रहे. लेकिन उससे पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर क्यों मछली को तेल में डालते ही तेल छींटे मारने लगता है, जिससे जलने का डर बना रहता है.
मछली तलने पर क्यों छलकता है तेल?
कहते हैं मछली को तलें और जलें न, ऐसा मुमकिन नहीं होता लेकिन इसकी वजह क्या है? दरअसल, मछली में लगभग 80 प्रतिशत तक पानी की मात्रा होती है. पानी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से मछली तेल में डलते ही तेल छींटे मारने लगता है. मछली को तलते समय तेल के छींटे पड़ने की संभावना को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते हैं. आइये जानते हैं.
मछली को धोकर पानी सोखने रख दें: मछली की गंध को कम करने के लिए इसे कई बार तरह-तरह से धोया जाता है. यानी ऐसा करने से भी मछली में पानी जमा होता है. लेकिन मछली को तलते समय छीटों से बचने के लिए मछली को पहले सुखा लें. इसके लिए मछली के पीस को टिशू पेपर पर रखकर सुखा लें और इसके बाद मछली को तलें. इससे तेल कम छींटे मारेगा.
मछली की कोटिंग: तलने की प्रक्रिया के दौरान तेल को छिटकने से बचाने के लिए मछली पर आटे की परत चढ़ाना भी एक विकल्प है. अगर हम मछली पर आटे की परत चढ़ा देंगे तो मछली में मौजूद पानी को आटा काफी हद तक सोख लेगा, जिसकी वजह से तेल कम छींटे मारेगा.
मछली के पतले और छोटे पीस: मछली के छोटे पीस में मांस के साथ-साथ पानी की मात्रा भी कम होगी. जिसे गर्म तेल से भाप के रूप में बाहर निकालने की जरूरत होती है. पतले पीस को पकने में कम समय लेगा. इसी तरह मोटे पीस को तलने में ज्यादा समय लेगा और तेल के छींटे मारने की संभावना बढ़ जाएगी.
नमक करेगा मदद? दरअसल, नमक पानी के बॉयलिंग प्वाइंट को बढ़ा देता है, इसके साथ ही तेल के बॉयलिंग प्वाइंट को कम कर देता है. इस वजह से जब तेल उबलने लगे तो गैस को कम कर दें और इसी फ्लेम पर मछली को पकाएं. यहां नमक तेल को छींटे मारने से नहीं रोकेगा बल्कि हल्की आंच से गर्मी कम करने की क्रिया से पैन से उबलने वाले जल वाष्प की दर को कम करने में मदद मिलेगी, इस प्रकार अप्रत्यक्ष रूप से तेल की छींटे कम करने में मदद मिलती है.