खान-पान की दुनिया में कई ऐसे शब्द हैं जो कुकिंग की बारीकियों को समझने में हमारी मदद करते हैं. इन शब्दों से पता चलता है कि खाना बनाते वक्त कब क्या करना है. सब्जी बनानी हो या हलवा या अंडे उबालने हो, हर तरह की कुकिंग में कोई ना कोई सही विधि होती है. हम आम दुनिया में इस चीज पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हालांकि अगर आप प्रोफेशनली कुकिंग सीखने जाएं तो आपको पता चलेगा की खाना बनाते वक्त हमारे द्वारा किए गए छोटे-छोटे से काम की भी अपनी एक विधि और नाम है. कुकिंग विधियों में से एक है मॉइशचर कुकिंग जिसमें पानी की मदद से खाना बनाया जाता है. इस विधि के अंदर भी कई विधियां शामिल हैं जिनके अपने नाम हैं. जैसे ब्लाइंचिंग, पोचिंग, बॉइलिंग, स्टीमिंग आदि. क्या आप इन सभी शब्दों के मतलब जानते हैं. इन सभी तरीकों में फूड आइटम को पानी की मदद से पकाया जाता है लेकिन फिर भी हर शब्द का मतलब और विधि अलग है. आइए जानते हैं इसके बारे में और यह बाकी शब्दों से कैसे अलग हैं.
Steaming:
क्या आपने कभी मोमोज़, इडली का स्वाद चखा है. अगर हां तो शायद आप इनको बनाने का तरीका भी जानते हैं. आपने कई मोमोज़ के स्टॉल पर स्टीमर रखा देखा होगा. अगर हम स्टीमर में कुछ बनाए तो उसे स्टीमिंग कहा जाता है. इसका अर्थ है पानी की भाप में खाना पकाना. इडली और मोमोज़ दोनो हो स्टीमिंग विधि का उदाहरण हैं.

Boiling and Simmering:
अगर बॉइलिंग की बात की जाए तो इसे समझना सबसे आसान है क्योंकि बॉइलिंग हम अपनी रसोई में अक्सर करते रहते हैं. जैसे अंडा, आलू या शकरकंदी को उबालना. बॉइलिंग का अर्थ है तेज गर्म पानी में किसी भी चीज को उबालना. बॉइलिंग के साथ-साथ सिमरिंग भी मॉइस्ट हीट कुकिंग (Moist Heat Cooking) की विधियों में से एक है. अक्सर लोग बॉइलिंग और सिमरिंग में अंतर पहचानने में नाकामयाब हो जाते हैं. बता दें कि सिमरिंग और बॉइलिंग में बारीक सा फर्क है. बॉइलिंग में तेज गर्म पानी या कहें तो हाई फ्लेम पर चीजों को उबाला जाता है तो वहीं सिमरिंग में गैस की फ्लेम लो होती है और चीजें इसमें धीरे-धीरे उबलती हैं. यह बॉइलिंग से एक पहली वाली स्टेज होती है.

Blanching:
बॉइलिंग और सिमरिंग का अंतर तो आप समझ गए होंगे लेकिन मॉइशचर कुकिंग में एक विधि ब्लांचिंग भी है. यह भी बॉइलिंग और सिमरिंग से मिलता जुलता है लेकिन फिर भी यह दोनों से अलग है आइए जानते हैं कैसे.

Blanching Process:
ब्लांचिंग चीजों को बॉइल करने का ही एक तरीका है. यह ज्यादातर फ्रीज फूड आइटम को नार्मल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें डीप फ्रीज की हुई किसी सब्जी को 1-2 मिनट के लिए उबलते हुए पानी में डाला जाता है और इसके बाद तुरंत बर्फ के पानी में डाल दिया जाता है. इससे सब्जियों का रंग नहीं बदलता क्योंकि बॉइल करने से उनका फ्रीजिंग प्रोसेस खत्म होता है और तुरंत पानी में बर्फ के ठंडे पानी में डाल देने से उनका कुकिंग प्रोसेस रुक जाता है. इससे सब्जियां लम्बे समय तक पहले जैसी ही दिखती है औऱ रंग भी नहीं बदलता.
Brolling:
ब्रोइलिंग एक खाना पकाने की तकनीक है जिसमें फूड आइटम को सीधा आग पर नहीं लेकिन गर्माहट में पकाया जाता है. यह आमतौर पर एक ओवन और माइक्रोवेव में किया जाता है. यह प्रक्रिया आम तौर पर मांस और सब्जियों को पकाने में की जाती है. इसमें फूड आइटम्स का ऑरिजनल रंग बदल जाता है और साथ ही वह हल्के से क्रिस्पी भी हो जाते हैं.
Poaching:
पोचिंग का मतलब गर्म पानी, दूध आदि लिक्विड में खाना बनाना है. यह मछली और अंडे जैसे पदार्थों को पानी, सब्जी स्टॉक, वाइन या दूध जैसे तरल में डुबो कर पकाने की एक तकनीक है. बॉइलिंग और पोचिंग दोनों ही विधि में हम आइटम को उबालते हैं लेकिन बॉइलिंग के वक्त टंपरेचर कितना भी बढ़ाया जा सकता है इसमें बस हमारा फोकस आइटम को उबालने पर होता है.

वहीं पोचिंग में ध्यान रखा जाता है कि हम जो चीज पोच या बॉइल कर रहे हैं उसकी शेप और न्यूट्रीएंट्स वेल्यू सामान रहे. मान लीजिए अगर हम मछली के पीस को पोच कर रहें तो हम इसे तेज गर्म पानी में नहीं डालेंगे नहीं तो यह बिखर जाएगी. इसीलिए पोचिंग में पानी के तापमान का खास ध्यान रखा जाता है. मान लीजिए बॉइलिंग का तापमान 100 डिग्री है तो पोचिंग का तापमान 70 से 80 डिग्री सेल्सिस के बीच होगा.
Poached Egg
आपने अधिकतर पोच्ड ऐग के बारे में सुना होगा. ऐग को पोच करने का तरीका भी पोचिंग और बॉइलिंग की एक कैटगरी में आता है. इस विधि में 80-90 डिग्री सैल्सियस पानी के तापमान पर अंडे को फोड़कर धीरे-धीरे पानी में उतारा जाता है. इसके लिए पानी में विनेगर भी डाला जाता है ताकि अंडे का प्रोटीन फैले ना. इससे पानी में अंडा बिखरेगा नहीं.