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एल्डरमैन की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार का या LG का? सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

एमसीडी में 250 निर्वाचित और 10 मनोनीत सदस्य हैं. पिछले साल दिसंबर में, आम आदमी पार्टी (आप) ने निकाय चुनावों में बीजेपी को हराकर 134 वार्डों में जीत हासिल की. इसके बाद लंबी तनातनी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेयर का चुनाव हो सका. लेकिन एल्डरमैन की नियुक्ति को लेकर मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है, जिस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने एल्डरमैन पर फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने एल्डरमैन पर फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन मनोनीत करने के अधिकार को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन नामित करने का अधिकार देने का मतलब है कि वह निर्वाचित निकाय को अस्थिर कर सकते हैं. साथ ही कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि क्या ये नामांकन केंद्र के लिए इतनी चिंता का विषय हैं.

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने दिल्ली सरकार की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें उपराज्यपाल को एल्डरमैन नामित करने की शक्ति को चुनौती दी गई थी.

सुनवाई के दौरान एलजी की ओर से ASG संजय जैन ने तर्क देना शुरू किया तो सीजेआई ने पूछा कि आपकी दलील है कि निगम में प्रशासक की भूमिका 239AA के मुताबिक उपराज्यपाल की भूमिका से अलग है? निर्वाचित सरकार की मदद और सलाह से काम करने में क्या दिक्कत है? फिर संजय जैन ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार के एक्ट के प्रावधान बताए. इस पर सीजेआई ने कहा कि आप मौलिक रूप से आपकी दलील दो स्तरों पर है. आप ये कह रहे हैं कि जीएनसीटीडी एक्ट के भाग 9A के मुताबिक एमसीडी स्थानीय तौर पर स्वायत्त है. ऐसे में एडमिनिस्ट्रेटर के अधिकार का मतलब दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र से अलग है. 

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वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली सरकार की ओर से दलील दी कि पिछले 30 साल में तो उपराज्यपाल को नामजद करने की न तो शक्ति मिली, न ऐसी कोई परंपरा. स्टेट गवर्नमेंट का मतलब सिर्फ चुनी हुई सरकार से है, ना कि इसका मतलब उपराज्यपाल से. जस्टिस नरसिम्हा ने इसे 1993 के संशोधन के मुताबिक बताया.

बता दें कि एमसीडी में 250 निर्वाचित और 10 मनोनीत सदस्य हैं. पिछले साल दिसंबर में, आम आदमी पार्टी (आप) ने निकाय चुनावों में बीजेपी को हराकर 134 वार्डों में जीत हासिल की. इसके बाद एमसीडी के शीर्ष पर भगवा पार्टी के 15 साल का शासन समाप् हुआ. इस चुनाव में बीजेपी ने 104 सीटें जीतीं और कांग्रेस नौ के साथ तीसरे स्थान पर रही.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, "क्या एमसीडी में 12 एल्डरमैन का नामांकन केंद्र के लिए इतनी चिंता का विषय है? वास्तव में, एलजी को यह शक्ति देने का प्रभावी अर्थ यह होगा कि वह लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई नगर समितियों को अस्थिर कर सकते हैं क्योंकि उनके एल्डरमैन के पास मतदान अधिकार भी होंगे." 

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