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जबरन धर्म परिवर्तन के बाद सुसाइड, HC ने CBI को ट्रांसफर किया तंजाउर की लड़की का केस

तंजाउर स्थित इस स्कूल प्रबंधन पर ये आरोप है कि उसने धर्म परिवर्तन के लिए लड़की पर दबाव बनाया. इसके बाद लड़की ने जान दे दी. हालांकि स्कूल प्रबंधन ने सिरे से इन आरोपों को नकारा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • छात्रा सुसाइड केस सीबीआई को ट्रांसफर
  • स्कूल पर लगा था धर्म परिवर्तन के लिए दबाव का आरोप

तमिलनाडु के तंजाउर में कथित धर्म परिवर्तन के दबाव की वजह से खुदकुशी करने वाली छात्रा के केस की जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया है. सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै शाखा ने इस केस को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया. 

लड़की के पिता ने इस मामले में एक याचिका दायर कर अदालत से मांग की थी कि इस मामले की जांच को एक स्वतंत्र जांच एजेंसी को स्थानांतरित की जाए. इसके बाद अदालत ने ये फैसला दिया. 

स्कूल पर आरोप के बाद सुर्खियों में आया मामला

बता दें कि तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित एक स्कूल पर आरोप है कि वहां 12वीं कक्षा की एक छात्रा को कथित तौर पर उसके छात्रावास में कमरे साफ करने के लिए मजबूर किया गया और उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया. आरोप है कि दबाव में लड़की ने आत्महत्या करने की कोशिश की. इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन इलाज के दौरान छात्रा की हालत नहीं सुधरी. बुधवार, 19 जनवरी 2022 को छात्रा की मृत्यु हो गई.

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छात्रा की मौत के बाद उसका एक कथित वीडियो भी सामने आया जिसमें लड़की ने स्वीकार किया कि स्कूल में उसे लगातार डांटा जाता था और हॉस्टल वार्डन द्वारा हॉस्टल के सभी कमरों को साफ करने के लिए भी कहा जाता था.  बाद में एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें लड़की ने धर्म परिवर्तन का जिक्र नहीं किया था. स्थानीय पुलिस इस केस की जांच कर रही थी. 

धार्मिक विश्वास में दखल नहीं देता है स्कूल

इस घटना के सामने आने के बाद स्कूल ने बयान जारी कर कहा कि वे 180 वर्षों से संस्था चला रहे हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य हाशिए पर रहने वालों और उन लोगों को शिक्षित करना है जो शिक्षा से वंचित रहे हैं. स्कूल ने दावा किया है कि प्रबंधन ने कभी किसी छात्र की धार्मिक आस्था के साथ हस्तक्षेप नहीं किया है.  

बाल आयोग की टीम भी कर रही है जांच 

इस मामले को तमिलनाडु बीजेपी ने जोर-शोर से उठाया. इसके बाद दिल्ली से राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो भी इस मामले की जांच कर रहे हैं. 

 

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