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जबरन शादी के खिलाफ खड़ी हुई बेटी, बॉम्बे हाईकोर्ट में बोली- अकेले रहकर काम करना चाहती हूं

बिहार में जबरन शादी के लिए रोकी गई 24 साल की युवती ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा कि वह अकेले रहना और पुणे में काम करना चाहती है. युवती के दोस्त ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि उसे परिजनों ने बंधक बना लिया है. कोर्ट के आदेश पर उसे बिहार से लाकर पेश किया गया. कोर्ट ने युवती की बात सुनकर मामला समाप्त कर दिया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

मुंबई से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. 24 वर्षीय एक युवती, जिसे उसके माता-पिता ने बिहार में जबरन शादी के लिए रोका था. उसने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा कि वह स्वतंत्र रूप से पुणे में अकेले रहकर काम करना चाहती है.

युवती के दोस्त ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) याचिका दायर कर बताया था कि युवती अपने घर बिहार गई थी जहां परिजनों ने उसे जबरन रोक लिया. उसने अपने दोस्त को एक संदेश भेजकर मदद की गुहार लगाई और कहा कि उसे पीटा गया और जबरन शादी के लिए धमकाया गया.

जबरन शादी के खिलाफ कोर्ट गई युवती

युवती पुणे में रियल एस्टेट सेक्टर में काम करती है. 29 मई को कोर्ट ने पुणे पुलिस को आदेश दिया कि युवती को खोजकर पेश किया जाए. इसके बाद पुलिस ने बिहार जाकर उसे तलाशा और बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के सामने पेश किया.

कोर्ट में युवती ने कहा वह माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती

न्यायमूर्ति नीला गोखले और फिरदौस पूनावाला की पीठ ने युवती से बातचीत के बाद कहा कि वह पूरी तरह अपनी मर्जी से पुणे में रह रही है और वहीं काम करना चाहती है. युवती ने स्पष्ट किया कि वह अपने माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती. इसके बाद कोर्ट ने याचिका समाप्त कर दी.

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