हमारे देश के सीने पर आतंक के जख्म इतने गहरे हो चुके हैं कि उन्हें याद करने पर दर्द का सिलसिला सा उभरने लगता है. वो 12 मार्च ही था, जब दहशत के सौदागरों ने मुंबई शहर में खौफ ही खौफ बिखेर दिया था. 20 साल पहले 12 मार्च 1993 के दिन मुंबई का कोना-कोना बम धमाकों से दहल उठा था.