वो भूली दास्तां जब याद आती है, गुजरे ज़माने का हर वो पल आंखों के सामने आ जाता है. बरसों बाद भी, जब अदाओं की मलिका के होंठों ने, पुरानी कसक की आह सुनाई तो लगा वक्त ठहर सा गया है. हम बात कर रहे हैं रेखा की. मौका था.. संगीतकार खैय्याम को नवाज़ने का... जहां पहुंची रेखा ने अमिताभ का जिक्र करे बगैर ही दिल में दबी यादों को बिना कहे ही बयां कर दिया...कुछ इस तरह.