कश्मीर के अनंतनाग के पंचपोरा गांव में ऐसा मंजर बार-बार देखने को नहीं मिलता. घाटी में हजारों लोग जमा हुए लेकिन किसी विरोध प्रदर्शन या अलगावादियों के उकसावे पर नहीं बल्कि सेना के एक शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए यहां जुटे.लांस नायक मोहिउद्दीन राष्ट्रीय राइफल्स की 44वीं बटालियन में तैनात गुरुवार को शोपियां में आतंकियों का निशाना बने थे. वो साथियों के साथ कुन्गु गांव से एक ऑपरेशन के बाद लौट रहे थे जब कुछ आतंकियों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया, जिसमें मोहिउद्दीन शहीद हो गए.