जो कभी साथ थे वो इस बार टिकट बंटवारे को लेकर उलझ गए है. बात हो रही है शिरोमणी अकाली दल और दिल्ली बीजेपी की, दोनों पार्टियों के बीच मनमुटाव की खबर है. दोनों पार्टियों के नेता कह रहे है सबकुछ ठीक है तो क्या मान लिया जाए या फिर अचानक शिरोमणी अकाली दल ने दिल्ली में अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ने का फैसला कर बीजेपी को चौंकाया है. ये मनमुटाव का नतीजा है या फिर अकाली दल की बीजेपी पर दवाब डालने की राजनीति.दिल्ली शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष मनजीत सिंह ने ये ऐलान कर दिया कि अकाली दल अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेगा. साथ ही बीजेपी से 11 सीटों की मांग भी कर दी. तर्क ये कि जहां 17000 से ज्यादा सिख मतदाता हैं वो सीटें अकाली को दी जानी चाहिए. बीजेपी इन मुद्दों पर खामोश है और अध्यक्ष कह रहे हैं सब कुछ ठीक है.सूत्रों के मुताबिक अकाली दल का अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ना एक दबाव की राजनीति है. दरअसल अकाली दल दिल्ली में अपनी उपस्थति को बढाना चाहती है, जिसके लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव में 11 सीटों की मांग की है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने अकाली दल को 4 सीटें दी थी जिसमें दो सीटें अकाली हार गए. इसी को मुद्दा बनाते हुए बीजेपी इस बार 4 से भी कम सीटें अकाली दल को देना चाहती है जिसको लेकर टकराव जारी है.यानी बीजेपी अकाली गठबंधन की गांठों में दिल्ली विधानसभा चुनाव की रस्साकशी तनाव ला सकती है. अभी तो बयानों का दौर है लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं को बात संभालनी होगी क्योंकी बात केवल दिल्ली की नहीं पंजाब और एनडीए के कुनबे की भी है.