कभी डीजी वंजारा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खास हुआ करते थे, लेकिन अब ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने मोदी से बगावत का ऐलान कर दिया है. पारिवारिक सूत्रों की मानें तो यौन शोषण के आरोप में फंसे आसाराम की गिरफ्तारी ने वंजारा को हिला कर रख दिया और मोदी पर से उनका भरोसा उठ गया.
वंजारा ने पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के लिए जेल से जो 10 पन्नों की चिट्ठी लिखी, उसमें कहा कि मोदी उनके लिए भगवान थे, लेकिन उन्होंने उन्हें जेल में छोड़ दिया.
वहीं, मुंबई मिरर के सूत्रों के मुताबिक पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के बाद वंजारा ने अपने एक रिश्तेदार से कहा, 'मेरे भगवान (मोदी) जब मेरे गुरु (आसाराम) को ही नहीं बचा पाए तो वे मुझे कैसे बचाएंगे.'
बताया जाता है कि वंजारा खुद को भगवान मानने वाले आसराम के परम भक्त हैं. वंजारा आसाराम के अहमदाबाद के मोटेरा स्थित आश्रम का दूध पीते थे, क्योंकि वह उसे गुरु का प्रसाद मानते थे. यहां तक कि सीमावर्ती जिले बनासकांठा में भी तैनाती के दौरान वे अहमदाबाद की आसाराम की गौशाला से दूध मंगाते थे.
औरा तो और वंजारा रोजाना साबरमती जेल में भी आसराम के आश्रम से गाय का दूध मंगाते थे, लेकिन जब उन्हें मुंबई की तलोजा जेल में ट्रांसफर कर दिया गया तो यह सिलसिला खत्म हो गया.
खुद को राष्ट्रवादी देश भक्त मानने वाले वंजारा को आसाराम की गिरफ्तारी और बीजेपी के अघोषित पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की चुप्पी ने तोड़ दिया.
वंजारा के परिवार के एक सदस्य ने मुंबई मिरर को बताया, 'साहेब (वंजारा) पिछले सात सालों से धैर्य बनाए हुए थे. गंदी राजनीति के चलते उन्हें तलोजा जेल भेज दिया गया. और आसराम बापू पिछले सात सालों से साहेब की ताकत बने थे, लेकिन उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया. साहेब को विश्वास था कि उनके भगवान (मोदी) उनके गुरु को बचा लेंगे. लेकिन अब वे पूरी तरह टूट चुके हैं.'
खबर के मुताबिक जेल में आसाराम ने अपने गुरु आसाराम की प्रशंसा में लगभग दो दर्जन कविताएं भी लिखीं. वंजारा साबरमती जेल से अकसर ही आसाराम से फोन पर बातें किया करते थे, लेकिन तलोजा जेल में शिफ्ट होने के बाद यह बातचीत भी बंद हो गई.
गौरतलब है कि सोहराबुद्दीन एनकाउंटर, इशरत जहां एनकाउंटर और तुलसी प्रजापति एनकाउंटर में डीजी वंजारा आरोपी हैं. वंजारा का आरोप है कि मुश्किल वक्त में मोदी ने उनकी मदद नहीं की और इसके लिए वो मोदी के करीबी अमित शाह को जिम्मेदार ठहराते हैं.
अपनी 10 पन्नों की चिट्ठी में वंजारा लिखते हैं, 'मैं ये बताना चाहता हूं कि मैंने इतने लंबे वक्त तक सिर्फ इसलिए चुप्पी साधे रखी क्योंकि मैं नरेंद्र मोदी को भगवान मानता था. लेकिन अमित शाह के बुरे असर में उन्होंने भगवान की तरह मेरी कोई मदद नहीं की. अमित शाह ने मोदी की आंख और कान पर कब्जा कर लिया है. पिछले 12 साल सालों से अमित शाह बकरी को कुत्ता और कुत्ते को बकरी बता कर मोदी को गुमगाह कर रहे हैं. एक तरीके से अमित शाह गुजरात की सरकार चला रहे हैं और इस आपराधिक लापरवाही की वजह से मोदी की सरकार बेदखल हो जाएगी.'
डीजी वंजारा 2002 से 2006 तक अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में डीसीपी और एडिशनल सीपी के पद पर तैनात थे. साथ ही गुजरात एटीएस में डीआईडी पद पर भी उनकी तैनाती थी. आरोप है कि इसी दौरान हुए सोहराबुद्द्दीन, इशरत जहां और तुलसी प्रजापति एनकाउंटर में वंजारा ने अहम भूमिका निभाई. 2007 में उनकी गिरफ्तारी हुई और तब से वो जेल में हैं.