गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हिंसा में जिन लोगों की जान गई उनके प्रति दुख जताता हूं. जिस तरह से दंगों को देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश किया गया था, मैं साफ करना पसंद करता हूं. अमित शाह ने कहा कि 25 फरवरी को रात 11 बजे के दिल्ली में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई. 2 मार्च को संसद भी थी. अमित शाह ने कहा कि पुलिस ने दंगे को दिल्ली में फैलने नहीं दिया. ये हिंसा दिल्ली के चार फीसदी और 13 फीसदी आबादी में सीमित रखने का काम पुलिस ने किया. 12 थानों में हिंसा रुकी रही. भड़काने का काम हर जगह हुआ. पुलिस की जिम्मेदारी थी हिंसा को रोकना. 24 फरवरी को 2 बजे के आसपास पहली सूचना मिली. 25 फरवरी को रात 11 बजे आखिरी सूचना मिली. दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे में हिंसा को समेटने का काम किया. अजीत डोभाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे कहने पर अजीत डोभाल वहां गए थे. मैं जाता तो पुलिस मेरी सुरक्षा में लगती. यहां देखें अमित शाह की पूरी स्पीच.