किसी एटम बम से नहीं, किसी मिसाइल से नहीं और किसी आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप से भी नहीं. इस साल दुनिया पर मंडरा रहा है कुदरत के आक्रमण का खतरा. साल के पहले ही महीने में धरती के कोने-कोने पर जिस तरह आसमान से आफत गिर रही है और धरती के नीचे धधक रही है कुदरत के गुस्से की आग, उसे देखकर तो यही लगता है कि ये दुनिया में सबसे बड़ी आफत, सबसे बड़ी तबाही की दस्तक है.