अन्ना हजारे की गिरफ्तारी का असर सड़कों के साथ-साथ संसद में भी दिखा. बीजेपी अन्ना की गिरफ्तारी पर दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के बयान को लेकर अड़ी रही, वहीं सत्ता पक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमारी की इजाजत के बाद भी सुषमा स्वराज को बोलने नहीं दिया.