सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनिश्चितकालीन अनशन से पहले कांग्रेस ने आज इस बात के संकेत दिये कि गांधीवादी नेता पर तीखा हमला इसलिए किया गया था ताकि उन्हें यह अहसास कराया जा सका ऐसे हमलों से कितनी चोट पहुंचती है.
पार्टी सूत्रों ने रात में कहा, ‘कांग्रेस कभी भी निजी हमलों के पक्ष में नहीं रही है, पार्टी ऐसे हमलों के पक्ष में नहीं थी और हमारा इरादा ऐसे हमले करना नहीं था.’
सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से वह हमला जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक आयोग ने उन्हें ‘सिर से पैर’ तक भ्रष्टाचार में लिप्त पाया था. यह हमला हजारे के अक्सर कांग्रेस पर हमला किये जाने की प्रतिक्रिया में था. सूत्रों ने कहा कि उनकी ओर से प्रधानमंत्री की ओर से लिखा गया पत्र का लहजा ठीक नहीं था.
कांग्रेस पार्टी ने हजारे पर यह कहते हुए हमला किया था कि उन्हें सबसे पहले न्यायमूर्ति पी बी सावंत की जांच निष्कषरें का स्पष्टीकरण देना चाहिए. आयोग ने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन पर देश में अस्थिरता लाने की कोशिश करने के आरोप लगाये थे.
सूत्रों ने यद्यपि कहा कि रविवार के संवाददाता सम्मेलन में पार्टी ने अपनी ओर से कोई आरोप नहीं लगाये थे बल्कि उस आयोग की ओर से जांच का उल्लेख किया था जिसका नेतृत्व उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने किया था.
सूत्रों ने कहा कि इसका उद्देश्य केवल यह महसूस कराना था कि ऐसे हमलों से कैसा अनुभव होता है. हमला इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने सभी सीमाओं को पार कर दिया था. पार्टी की ओर यह बयान ऐसे दिन आया है जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और राहुल गांधी ने अन्ना हजारे के प्रस्तावित अनशन के मद्देनजर पार्टी मुख्यालय में विचार विमर्श किया.