सरकार ने कहा कि अन्ना हजारे द्वारा उठाये गये मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, जिन पर संसद में गंभीर विचार विमर्श की जरूरत है लेकिन सदन में चर्चा के दौरान किसी तरह की आम राय बनने के बाद संसदीय स्थाई समिति उसे व्यवहार्यता, क्रियान्वयन क्षमता और संवैधानिकता के आलोक में देखेगी.