जन लोकपाल विधेयक की मांग पर पिछले 12 दिन से अनशन पर बैठे अन्ना हजारे ने फिर अपने तेवर कड़े करते हुए कहा कि अगर जन लोकपाल के विषय में उनके तीन मुद्दों पर संसद में नेताओं ने विरोध किया तो वह पूरे देश में यात्रा करेंगे और जागरूकता फैलाएंगे.
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हजारे ने अपने अनशन स्थल रामलीला मैदान में समर्थकों को दूसरी बार संबोधित करते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार को एक न एक दिन जन लोकपाल बनाना ही होगा क्योंकि अब जनता की संसद खड़ी हो गई है. भले ही दस साल लग जाएं लेकिन जनता की संसद ही इस देश को बदलेगी.
हजारे ने संसद में लोकपाल के मुद्दे पर हो रही चर्चा के संबंध में कहा की अगर जन लोकपाल के विषय में उनके उठाए तीन मुद्दों पर नेताओं ने विरोध किया तो वह पूरे देश में यात्रा कर यह जागरूकता फैलाएंगे कि ऐसे नेताओं को दुबारा चुनकर नहीं भेजा जाए. अगर विरोध हुआ तो हमें नेताओं को आने वाले चुनाव में सबक सीखाना है.
अन्ना के समर्थन में उतरा जनसैलाब
उन्होंने कहा कि हम गलती नहीं दुहराएंगे. हमें जागरूकता कायम रखनी है. विधानसभाएं और संसद लोकशाही का पवित्र मंदिर हैं और हमें उनकी पवित्रता बनाए रखनी है. हजारे ने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने संविधान पर ठीक तरह से अमल नहीं किया.
विशेष कवरेज
अन्ना ने कहा कि संविधान में लिखा है कि 'हम भारत के लोग' उसमें यह नहीं लिखा कि ‘हम संसद के लोग.’ जनता ने अपने प्रतिनिधियों पर भरोसा किया लेकिन संविधान पर सही तरीके से अमल नहीं हुआ. गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि क्या अब जनता की संसद भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करेगी? क्या अब गरीबों, किसानों को इंसाफ मिलेगा?