उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की मौत के मामले में नया अपडेट सामने आया है. पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने डिजिटल पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की मौत की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है. जांच में सामने आया है कि राजीव प्रताप की मौत सड़क हादसे से जुड़ी है. जांच में पाया गया कि राजीव ने 18 सितंबर की रात शराब पी थी और नशे की हालत में कार चला रहे थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सड़क हादसे से जुड़ी चोटों की पुष्टि हुई है.
एसआईटी ने गुरुवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी है. यह घटना उत्तरकाशी में हुई थी. डीजीपी की तरफ से गठित एसआईटी की अगुवाई पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार कर रहे थे.
एसआईटी की जांच में सामने आया कि 18 सितंबर की शाम राजीव अपने मित्र हेड कांस्टेबल सोबन सिंह और कैमरामैन मनबीर कलूड़ा के साथ पुलिस लाइन की ओर गए. रास्ते में शहीद स्मारक पर सोबन से मिलने के बाद तीनों बाजार पहुंचे. यहां रात 10 बजे तक पार्किंग में शराब पी. इसके बाद मनबीर पैदल घर चला गया.
नशे में कार चलाने की जिद...
राजीव और सोबन ने बाजार के एक होटल में रात 11:22 बजे तक शराब और खाना खाया. सीसीटीवी फुटेज में राजीव को नशे की हालत में बार-बार कार चलाने की जिद करते देखा गया. आखिरकार, राजीव, सोबन की कार लेकर गंगोरी की ओर गए. गंगोरी पुल पर लगे कैमरे में उन्हें गलत साइड में अकेले कार चलाते देखा गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तकनीकी एविडेंस
रात 11:40 बजे के बाद राजीव का फोन बंद हो गया था. तकनीकी जांच में हादसे के वक्त कार के चालू हालत में होने की पुष्टि हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, राजीव की छाती और पेट में चोटें और पसलियां टूटने के निशान पाए गए. चिकित्सकों ने साफ किया कि शरीर पर किसी भी तरह के हथियार या मारपीट के निशान नहीं मिले, जो सड़क हादसे में स्टीयरिंग से टकराने पर होती हैं.
एसआईटी ने राजीव की कॉल डिटेल्स, सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया. जांच के बाद पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार ने निष्कर्ष निकाला कि यह मामला सड़क हादसे का है, न कि किसी अन्य वजह से मौत हुई है.