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धराली में रेस्क्यू टीमों के सामने चुनौतियों का 'पहाड़', अब तक 5 की मौत, सेना के 11 जवान लापता, 190 लोगों को बचाया गया

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के उप महानिरीक्षक (ऑपरेशंस) मोहसिन शहेदी के अनुसार, सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ समेत अलग-अलग एजेंसियां मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. हालांकि, ऋषिकेश-उत्तरकाशी हाईवे पर भूस्खलन के कारण रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है, जिससे NDRF की तीन टीमें अब तक धराली नहीं पहुंच पाईं.

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उत्तरकाशी के धराली में आपदा के बाद रेस्क्यू में जुटी टीम (फोटो- PTI)
उत्तरकाशी के धराली में आपदा के बाद रेस्क्यू में जुटी टीम (फोटो- PTI)

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से आई भीषण बाढ़ के बाद हालात लगातार गंभीर बने हुए हैं. मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे थराली क्षेत्र में अचानक आई इस बाढ़ के बाद अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 11 सेना के जवान अब लापता बताए जा रहे हैं. राहत की बात यह है कि करीब 190 लोगों को बचा लिया गया है. हालांकि रेस्क्यू टीमों के सामने अब भी कई तरह की चुनौतियां बरकरार हैं.

उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि धराली में आपदा के बाद 190 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. सेना ने दाईं ओर से 120 और बाईं ओर से 70 लोगों को सुरक्षित निकाला. हर्षिल में हेलीपैड डूब गया, कई रास्ते और पुल बर्बाद, बिजली-संचार ठप हैं. सरकार और सेना मिलकर राहत कार्य में जुटी है, मौसम चुनौती बना हुआ है.

बचाव में जुटी एजेंसियां और सेना

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के उप महानिरीक्षक (ऑपरेशंस) मोहसिन शहेदी के अनुसार, सेना, आईटीबीपी और एसडीआरएफ समेत अलग-अलग एजेंसियां मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. हालांकि, ऋषिकेश-उत्तरकाशी हाईवे पर भूस्खलन के कारण रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है, जिससे NDRF की तीन टीमें अब तक धराली नहीं पहुंच पाईं. देहरादून से एयरलिफ्ट के जरिए भेजने की कोशिश भी खराब मौसम के चलते विफल रही है.

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गंभीर बनी हुई है स्थिति

DIG शहेदी ने बताया कि हर्षिल क्षेत्र से 11 जवानों के लापता होने की सूचना मिली है. गंगनानी क्षेत्र में स्थित एक वैली ब्रिज भी बाढ़ में बह गया है, जो गंगोत्री और हर्षिल को जोड़ता था. जब तक यह पुल पुनः स्थापित नहीं हो जाता, वाहनों से राहत सामग्री और संसाधनों को धराली तक पहुँचाना असंभव बना हुआ है. फिलहाल NDRF कर्मियों को पहाड़ियों से होकर पैदल ही गंगनानी की ओर रवाना किया गया है.

सड़कें टूटीं, रास्ते बंद

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भटवाड़ी में दो स्थानों पर पूरी तरह बैठ गया है. इन स्थानों पर भारी मलबा और चट्टानों के गिरने का सिलसिला अब भी जारी है, जिससे सड़क के ऊपर लगातार मलबा जमा हो रहा है.

हिमाचल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन

इधर, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में किन्नौर कैलाश यात्रा पर फंसे 413 श्रद्धालुओं को ITBP ने सफलतापूर्वक सुरक्षित निकाला है. बाढ़ और भूस्खलन के कारण पैदल मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका था. ITBP ने रस्सी के सहारे ‘ट्रवर्स क्रॉसिंग’ तकनीक का प्रयोग कर सभी यात्रियों को सुरक्षित पार कराया.

खतरे में नहीं है ऊपरी झील

DIG शहेदी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के ऊपर एक झील बन गई थी, लेकिन अब उसका जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, जिससे फिलहाल कोई खतरा नहीं है.

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अगले 12 घंटे बेहद अहम

मौसम विभाग द्वारा अगले 12 घंटों तक मौसम के और बिगड़ने की चेतावनी दी गई है. इसी कारण वाहनों का थराली तक पहुँचना फिलहाल संभव नहीं है. ऐसे में राहत एवं बचाव कार्यों में अब भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं.

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