
उत्तराखंड में बीते 36 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण चारों ओर अफरा-तफरी मची हुई है. बादल फटने, भूस्खलन और नदियों के उफान की वजह से कई जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. भारत मौसम विभाग (IMD) ने कई इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.
इंडिया टुडे की OSINT टीम ने सैटेलाइट से मिली Sentinel-1 SAR (सिंथेटिक अपर्चर रडार) डेटा की मदद से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सटीक नक्शे बनाए हैं जिससे डूबे हुए इलाकों की पहचान की जा सकी है. जिन जिलों में बाढ़ के हालात साफ नजर आए हैं, उनमें उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल, गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और टिहरी शामिल हैं.

रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है जिससे नदियों के किनारे बसे घरों को खाली कराया जा रहा है. सैटेलाइट से मिले डेटा से साफ देखा गया है कि अलकनंदा नदी के किनारे कई जगहों पर पानी फैल चुका है. स्थिति गंभीर है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

गौरतलब है कि उत्तर से दक्षिण और मैदानों से लेकर पहाड़ों तक लगातार बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं. सड़कों पर पानी भरने की खबरें आ रही हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाएं भी सामने आई हैं जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. भारत मौसम विभाग (IMD) ने पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय हो जाने की पुष्टि कर दी है. ये मानसून इस बार तय समय से करीब 9 दिन पहले, यानी 8 जुलाई की सामान्य तिथि से पहले ही पूरे देश में छा गया है. इस समय से पहले आए मानसून ने जहां देश के किसानों के चेहरों पर राहत की उम्मीदें जगा दी हैं, वहीं दूसरी तरफ कई राज्यों में बाढ़ और भारी बारिश की चेतावनी चिंता बढ़ा रही है.