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Chardham Yatra 2022: 1 जून तक फुल हो चुकी है बुकिंग, चार धाम यात्रा पर जाने से पहले पढ़ लें नए अपडेट्स

स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के दो सालों बाद चारधाम यात्रा शुरू हुई है लेकिन हाइवे ध्वस्त होने की वजह से उनका कोराबार प्रभावित हो रहा है. 9 दिनों से हाइवे बंद होने के कारण यात्री यहां से बद्रीनाथ नहीं जा पा रहे हैं.

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केदारनाथ में भारी भीड़, रास्ते में फंसे कई लोग
केदारनाथ में भारी भीड़, रास्ते में फंसे कई लोग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केदारनाथ में यात्रियों की भारी भीड़, कई लोग फंसे
  • 1 जून तक रजिस्ट्रेशन फुल, बद्रीनाथ हाइवे 9 दिन से बंद

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद केदारनाथ और बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या इस कदर उमड़ी की सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त होती हुई नजर आ रही हैं. कुंड-चोपता-बद्रीनाथ हाइवे के नौ दिनों से बंद होने के कारण शनिवार को स्थानीय लोगों ने केदारनाथ हाइवे को जाम कर दिया. बता दें कि चारधाम यात्रा के लिए अनिवार्य पंजीकरण 1 जून तक पूरी तरह फुल हो चुका है जिसकी वजह से लोग जहां तहां फंसे हुए हैं. 

वहीं दूसरी तरफ बद्रीनाथ हाइवे के नौ दिनों बाद भी नहीं खुलने के कारण स्थानीय लोगों का रोजगार प्रभावित हो गया है. केदारनाथ के दर्शन करने के बाद जो यात्री कुंड-चोपता हाइवे से बद्रीनाथ जाते थे वो अब मार्ग बंद होने के कारण नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे होटल, लॉज सहित अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बुरा असर पड़ रहा है. वहीं लोगों द्वारा चक्का जाम की वजह से केदारनाथ हाइवे पर भी श्रद्धालु फंस गए.

हाइवे खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन

दरअसल नौ दिन पहले कुंड-चोपता-बद्रीनाथ हाइवे पर संसारी क्षेत्र में सड़क का एक हिस्सा टूट गया था, इसके बाद हाइवे पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई. इस घटना के 9 दिन बाद भी हाइवे नहीं खुल पाया है जिससे ना सिर्फ श्रद्धालु बल्कि स्थानीय लोगों को भी भारी दिक्कत हो रही है. केदारनाथ के दर्शन करने वाले यात्री इस हाइवे से बद्रीनाथ नहीं जा पा रहे हैं. यात्रा कई किलोमीटर लंबी हो गई है और श्रद्धालु रुद्रप्रयाग-चमोली होते हुए बद्रीनाथ पहुंच रहे हैं.
  
1 जून तक रजिस्ट्रेशन फुल

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केदारनाथ और बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अब प्रशासन की तरफ से पहले से रजिस्ट्रेशन करवाने वाले यात्रियों को ही आगे जाने की अनुमति दी जा रही है. श्रद्धालुओं का पंजीकरण 1 जून तक पूरी तरह फुल हो चुका है और बिना रजिस्ट्रेशन कराए हुए यात्री जहां तहां फंसे हुए हैं.

तमाम लोग जो यात्रा पर जाना चाहते हैं वो मजबूरन ऋषिकेश या आसपास के क्षेत्रों में ही इंतज़ार करने के लिए मजबूर हैं.  बहुत से यात्री ऐसे हैं जिनका बद्रीनाथ धाम का पंजीकरण हो चुका है पर केदारनाथ का नहीं हो पाया जिसकी वजह से वो यात्रा करने में असमर्थ हैं.

बिना रजिस्ट्रेशन वाले घोड़े-खच्चरों पर जुर्माना

यात्रियों की भारी भीड़ के बीच अधिक संख्या में घोडे़-खच्चरों के संचालन से श्रद्धालुओं को मार्ग में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा था. इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित होने वाले 136 घोड़े-खच्चरों और  हॉकरों से 68 हजार रुपए जुर्माना वसूला है.

केदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों के संचालन से हो रही अव्यवस्थाओं और जाम की स्थिति को देखते हुए जिला पंचायत और जीमैक्स को रोटेशन के आधार पर घोड़े-खच्चरों का संचालन करने के निर्देश दिए गये हैं, ताकि केदारनाथ यात्रा मार्ग में अधिक संख्या में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के कारण पैदल चल रहे यात्रियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो. 

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केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आठ से दस हजार घोड़े-खच्चरों का संचालन होने से तीर्थयात्रियों को भारी दिक्कतें का सामना करना पड़ रहा था.

केदारनाथ धाम के लिए गौरीकुण्ड से एक ही पैदल मार्ग है, जिस पर यात्रियों के साथ ही घोड़े-खच्चरों का भी संचालन हो रहा है. ऐसे में आए दिन तीर्थयात्री घोड़े-खच्चरों के धक्कों से खाई में गिर रहे थे, जबकि मार्ग पर फिसलन होने से यात्री चोटिल भी हो रहे थे.

रुद्रप्रयाग के डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि पैदल मार्ग पर सुविधाएं बढ़ाना आवश्यक है.  पैदल मार्ग पर संचालित हो रही गतिविधि की मॉनिटरिंग भी की जा रही है. पैदल ट्रैक पर 6 सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति भी गई है.

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