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उत्तराखंड और हिमाचल में जंगलों में लगी आग बेकाबू, लपटें अब रिहायशी इलाकों तक पहुंची

उत्तराखंड और हिमाचल के जंगलों में लगी आग ने भीषण रूप ले लिया है. बागेश्वर में आग की चपेट में आने से 12 गौशाला सहित सैकड़ों घास के ढेर जलकर खाक हो गए हैं. जबकि सोलन के जंगलों में आग के कारण करोड़ों रुपए की वन संपदा और वन्य जीवों को भारी नुकसान पहुंचा है.

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सांकेतिक तस्वीर.
सांकेतिक तस्वीर.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बागेश्वर में आग लगने से 12 गौशालाएं आईं चपेट में
  • सोलन में आग से करोड़ों की वन संपदा को नुकसान

उत्तराखंड और हिमाचल में जंगलों में लगी आग बेकाबू हो गई है. जंगलों से होते हुए आग अब रिहायशी इलाकों की ओर रुख करने लगी है. उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के 6 रेंज के जंगल लगातार धधक रहे हैं. सबसे ज्यादा गणखेत रेंज, बैजनाथ रेंज, धर्मघर रेंज और पिंडारी के जंगल आग की चपेट में हैं.

गणखेत वन रेंज की आग रिहायशी इलाके में पहुंच गई जहां 12 गौशाला सहित सैकड़ों घास के ढेर जलकर खाक हो गए हैं. मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन, दमकल विभाग, पुलिस प्रशासन सहित वन विभाग लगातार आग बुझाने के प्रयास में जुटा है. आग से ग्रामीणों को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा है.

करोड़ों की वन संपदा को भारी नुकसान
उधर, हिमाचल प्रदेश के सोलन में भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिल रहा है. बड़ोग के बाद अब कंडाघाट, केथलीघाट, कनोह के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. कई किलोमीटर तक आग की लपटें ही लपटे नजर आ रही हैं. आसमान में चारों ओर धुएं का गुबार उड़ रहा है. पिछले तीन दिनों के दौरान ही 200 हेक्टेयर से अधिक जंगल आग की भेंट चढ़ चुका है. हरे-भरे जंगल जलकर राख हो गए हैं. इससे करोड़ों रुपए की वन संपदा और वन्य जीवों  को भारी नुकसान पहुंचा है.

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अलवर के जंगलों में आग
हाल ही में, राजस्थान के अलवर जिले के सरिस्का बाघ अभ्यारण के पृथ्वीपुरा-बालेटा गांव के जंगल के पहाड़ों में 28 मार्च को आग लग गई थी. कुछ ही वक्त में आग देखते ही देखते कई किलोमीटर क्षेत्र में फैल गई. आग लगने की जानकारी मिलते ही सिविल डिफेंस की फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से 8 घंटे की मशक्कत के बाद इस पर काबू पा लिया.

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