पिछले पैंतालीस दिनों से गंगा की तेज लहरों से टक्कर ले रहा उत्तरकाशी का मणिकर्णिका घाट स्थित शिव मंदिर आखिरकार गंगा में समा गया.
उधर, भागीरथी के तट पर नागपुरी में मौजूद भव्य गंगा शिव मंदिर भी गंगा में समा गया. गंगा का ये मंदिर गंगा के प्रचण्ड वेग के चलते खतरे की जद में आ गया था और क्रोधित गंगा इसे भी अपने साथ ले गई. मां गंगा का यह मंदिर ताश के पत्तों की मानिंद भरभराकर गिर गया.
ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि खुद शिव यहां इस घाट पर आकर न केवल गंगा में स्नान करते हैं, बल्कि यहां विराजकर लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं. लेकिन इस बार क्रोधित गंगा ने न इस शिव मंदिर को बख्शा, न गंगा मंदिर को. एक बार फिर यहां गंगा के सामने जो आया नेस्तनाबूद हो गया.
गंगा के इस क्रोध को देखकर लोग अब दहशत में हैं, क्योंकि अब तक लोगों को भगवान का ही आसरा था. अब जबकि भगवान ही सुरक्षित नहीं हैं, तो संकट में फंसे लोगों को अपनी सुरक्षा के बारे में खुद ही सोचना पड़ेगा.