मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के मुंग्वानी के पास पहाड़ी इलाकों में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते वहां बाढ़ आई हुई है. पहाड़ी नदी कान्हेर उफान पर है. आलम यह है कि दूर पहाड़ी इलाके से लगे करीब आधा दर्ज़न गांव का सड़क संपर्क टूट गया है. लोग अपने घरों को छोड़कर बीमारी से जान बचाने नदी पार करके शहर आ रहे हैं.
सबसे ज्यादा बुरा हाल भौती गांव का है. यहां लोग बीमारी की चपेट में भी हैं. ऐसे में इनके परिजन बीमारों को खटियों में लिटाकर अपने कंधे के सहारे नदी पार करके ला रहे हैं. यहां के जबेरा, सालिवाडा, गोगरा और सेला गांव में बाढ़ का ज्यादा असर है.
अफ़सोस की बात यह है कि सरकारी अमला अभी तक इनकी सहायता करने नहीं पहुंचा है. सरकार बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन इन दावों की हकीकत क्या है, यह सबके सामने है.
गांव के लोगों का कहना है कि लोगों को गर्दनभर पानी से होकर निकलना पड़ता है. बच्चे महीने भर स्कूल नहीं जा पाते हैं. यदि कोई बीमार पड़ जाए, तो उसे चारपाई में लादकर नदी पार करनी पड़ती है. अगर बाढ़ का पानी ज्यादा हो, तो फिर किसी मरीज़ को ले जाना मुश्किल हो जाता है. प्रशासन ग्रामीणों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है.