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VIDEO: युवा ऑफिसर्स के साथ जब आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 12 सेकंड में लगाए 18 Pushups

IMA के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड के बाद, जब 491 भारतीय और 34 विदेशी कैडेट भारतीय सेना में कमीशन होकर अधिकारी बने, तो माहौल गर्व और उत्साह से भरा हुआ था. खुद थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी इसमें शामिल हुए. उन्होंने युवा ऑफिसर्स के साथ 12 सेकंड में 18 पुश-अप्स लगाए.

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पासिंग आउट परेड में जनरल द्विवेदी ने रिव्यूइंग ऑफिसर के रूप में परेड की सलामी ली (Photo: X/@adgpi)
पासिंग आउट परेड में जनरल द्विवेदी ने रिव्यूइंग ऑफिसर के रूप में परेड की सलामी ली (Photo: X/@adgpi)

देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में पासिंग आउट परेड के बाद एक बार फिर वह परंपरा देखने को मिली, जो सेना की सादगी, अनुशासन और नेतृत्व के मानवीय चेहरे को दर्शाती है. पास आउट हुए नए युवा अधिकारियों के साथ पुश-अप्स लगाकर जश्न मनाने की परंपरा इस बार और खास बन गई, क्योंकि खुद थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी इसमें शामिल हुए. उन्होंने युवा ऑफिसर्स के साथ 12 सेकंड में 18 पुश-अप्स लगाए.

IMA के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड के बाद, जब 491 भारतीय और 34 विदेशी कैडेट भारतीय सेना में कमीशन होकर अधिकारी बने, तो माहौल गर्व और उत्साह से भरा हुआ था. इसी दौरान यंग ऑफिसर्स ने अपने जोश का इज़हार करते हुए जमीन पर उतरकर पुश-अप्स लगाए. कुछ ही पलों में यह दृश्य और प्रेरणादायक बन गया, जब सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी नए अधिकारियों के साथ पुश-अप्स लगाते नजर आए.

यहां देखें पुशअप्स का वीडियो-

यह दृश्य केवल उत्सव का नहीं, बल्कि लीडरशिप बाय एग्ज़ाम्पल का प्रतीक माना जा रहा है. सेना में यह परंपरा इस बात को दर्शाती है कि रैंक से पहले सैनिक भावना और साथ-साथ चलने का जज़्बा सबसे ऊपर होता है. जनरल द्विवेदी का इस जश्न में शामिल होना युवा अधिकारियों के लिए एक गहरा संदेश था कि सेना का नेतृत्व हमेशा अपने जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है.

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खास बात यह है कि जनरल उपेंद्र द्विवेदी खुद 1984 में IMA से पास आउट होकर सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में JAK राइफल्स में कमीशन हुए थे. ऐसे में IMA के मैदान पर यंग ऑफिसर्स के साथ उनका यह भावनात्मक और प्रेरणादायक जुड़ाव उनके अपने सैन्य सफर की याद दिलाता है. यह पल कई माता-पिता और परिजनों के लिए भी गर्व और भावुकता से भरा रहा, जो परेड के साक्षी बने.

पासिंग आउट परेड में जनरल द्विवेदी ने रिव्यूइंग ऑफिसर के रूप में परेड की सलामी ली और अपने संबोधन में नए अधिकारियों को बधाई दी. उन्होंने अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सहनशक्ति की सराहना करते हुए कहा कि सेना में शामिल होना केवल एक करियर नहीं, बल्कि आजीवन कर्तव्य और निस्वार्थ सेवा की शुरुआत है.

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