सतयुग के श्रवण कुमार के बारे में तो लगभग सब ही जानते हैं कि किस तरह से उन्होंने अपने माता-पिता को अपने कंधों पर कांवड़ में बैठाकर तीर्थ यात्रा कराई थी. अब उन्हीं की तर्ज पर कलयुग में भी तीन भाई ऐसे हैं, जो अपने माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर तीर्थ यात्रा करा रहे हैं. माता-पिता को दर्शन कराने ले जाने का वीडियो भी सामने आया है.
हरियाणा के भिवानी गांव से हैं तीनों भाई
वीडियो में कांवड़ मेला शुरू होने से पूर्व ही हरिद्वार की सड़कों पर बड़ी संख्या में कांवड़िये हर की पैड़ी से गंगाजल भर अपने गंतव्य की ओर जाते दिखाई दे रहे हैं. इन कांवड़ियों में भक्ति के अनेक रंग भी देखने को मिल रहे हैं. इसी में हरियाणा के भिवानी गांव के तीन भाई अशोक और उनके दो भाई भी हैं. ये तीनों अपने माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर कंधों पर गंगा जल लेकर जा रहे हैं.
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बच्चों के कार्य से खुश हैं माता-पिता
इस संबंध में अशोक का कहना है कि सतयुग के श्रवण कुमार भी एक इंसान ही थे. उनके भी माता-पिता थे और हमने भी जन्म लिया है. भोले बाबा की मर्जी के अनुसार ही हम भी अपने माता-पिता को अपने कंधों पर कांवड़ रूप में यात्रा करा रहे हैं.
वहीं, पिता ब्रजमोहन और माता दोनों ही अपने बेटे द्वारा किए जा रहे हैं इस कार्य से बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि बच्चों की वजह से वे भी सावन में भोले बाबा का दर्शन कर ले रहे हैं. आपको बता दें कि इससे पहले भी कांवड़ में माता-पिता को दर्शन कराने के कई मामले सामने आ चुके हैं.