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उत्तरकाशी हादसे के बाद हरिद्वार में भी अलर्ट, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचा

उत्तरकाशी में बाढ़ की घटना के बाद हरिद्वार में भी प्रशासन सतर्क हो गया है. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. लगातार बारिश से गंगा का प्रवाह तेज है और जलस्तर अगले कुछ घंटों में और बढ़ सकता है. प्रशासन ने लोगों को नदियों के किनारे जाने से परहेज़ करने और सतर्क रहने की सलाह दी है.

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बारिश के चलते गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पास (Photo: Mudit Kumar Agarwal/ITG)
बारिश के चलते गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पास (Photo: Mudit Kumar Agarwal/ITG)

उत्तरकाशी में हाल ही में हुई बाढ़ की घटना के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो गए हैं. सोमवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया, जिससे संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन ने जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का प्रवाह काफी तेज हो गया है. अधिकारियों का मानना है कि उत्तरकाशी की घटना के प्रभाव से गंगा का जलस्तर अगले 8 से 12 घंटों में और अधिक बढ़ सकता है. इससे पहले ही प्रशासन ने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सावधान कर दिया है.

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब

पुलिस ने लाउडस्पीकर और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को चेतावनी दी है कि वे गंगा घाटों और नदियों के किनारे न जाएं. श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भी कहा गया है कि वे फिलहाल गंगा स्नान या किनारे बैठने से बचें.

प्रशासन की टीम जलस्तर पर लगातार निगरानी रख रही है और राहत-बचाव दलों को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. हरिद्वार के सभी प्रमुख घाटों पर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है. अधिकारियों ने कहा है कि जैसे ही जलस्तर और बढ़ेगा, घाटों पर आवाजाही पूरी तरह रोकी जा सकती है. वर्तमान में कोई बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है. 

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हाई अलर्ट पर पुलिस और प्रशासन

गंगा का जलस्तर आज सुबह करीब 6 बजे 293 मीटर तक पहुंच गया था और फिर सुबह 8 बजे यह बढ़कर 293.10 मीटर हो गया, जो चेतावनी स्तर 293 मीटर से 10 सेंटीमीटर ऊपर है. फिलहाल गंगा इसी जलस्तर पर बह रही है. गंगा का खतरे का स्तर 294 मीटर निर्धारित है और वर्तमान में गंगा इससे 0.90 मीटर नीचे बह रही है.

बाढ़ चौकियों को सतर्कता बरतने की अपील

जलस्तर में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारी भीमगोडा बैराज पर डटे हुए हैं और हर पल की जानकारी जिला प्रशासन को दे रहे हैं. वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों और कर्मचारियों को फील्ड में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही स्थापित बाढ़ चौकियों को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है. डीएम ने नागरिकों से अपील की है कि वे नदी तटीय इलाकों से दूर रहें और केवल निर्धारित स्थानों पर ही स्नान करें.

बता दें, अगले तीन घंटों में अल्मोडा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ, रूद्र प्रयाग, उधम सिंह नगर, उत्तर काशी में अलग-अलग स्थानों पर यथा-जानकी चट्टी, पुलम सुमड़ा, पुरोला, बाराहाट रेंज, चिन्यालीसौड़, बद्रीनाथ, केदारनाथ, कर्णप्रयाग, लोहाघाट, डीडीहाट, मुनस्यारी, रुद्रपुर खटीमा, जसपुर तथा इनके आस पास के क्षेत्रों मे भारी वर्षा और गरज के साथ तूफान आने की बहुत संभावना है. 

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