उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई ने नैनीताल हाई कोर्ट को सीलबंद कवर में अपनी प्रारंभिक जांच की स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है. वहीं मामले की सुनवाई कर रही नैनीताल हाई कोर्ट ने मामले को अलग पीठ के पास भेज दिया है.
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के खिलाफ विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का आरोप है. साल 2016 में एक निजी समाचार चैनल ने हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन भी किया था. इसके बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार गिर गई और सरकार गिरने के बाद राज्यपाल की संस्तुति से हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई ने जांच शुरू की थी.
CBI Sources: CBI has submitted a report to the Nainital High Court, in a sealed envelope in connection with former Uttarakhand Chief Minister Harish Rawat's 2016 sting video case. The matter will be forwarded to the next bench; CBI has not filed an FIR in the case yet. (file pic) pic.twitter.com/YHPWOnAFQH
— ANI (@ANI) September 20, 2019
सीबीआई ने विधायक खरीद-फरोख्त मामले में पिछले दिनों नैनीताल हाई कोर्ट में मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन दायर की गई, जिसमें कहा गया कि इस मामले में सीबीआई की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है. अब इस मामले में हरीश रावत की गिरफ्तारी करना चाहती है.
हाई कोर्ट ने सीबीआई की एप्लीकेशन स्वीकार कर ली है जिसके बाद यह साफ हो गया है कि रावत पर गिरफ्तारी की गाज कभी भी गिर सकती है.
हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा था कि कांग्रेस के हम बालिका वधू हैं और अगर मेरे जेल जाने से कांग्रेस का फायदा होता है तो हमें हथकड़ी लगाकर जेल ले जाया जाए. सीबीआई के दुरुपयोग का हमारा मामला उदहारण बन सकता है. उन्होंने कहा था कि सीबीआई की जांच में अभी तक हमने हर तरीके से सपोर्ट किया है. सीबीआई ने जब भी बुलाया है हम हाजिर हुए.