उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट अब बंद बंद हो गए हैं. मंगलवार की दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर अनुष्ठान के बाद विधि-विधान के साथ मंदिर के कपाट बंद हो गए. बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस साल की चार धाम यात्रा का भी अब औपचारिक समापन हो गया है. इस साल की चार धाम यात्रा 209 दिन चली और तीर्थयात्रियों के लिहाज से भी नया रिकॉर्ड बना है.
प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई दिन तक रास्ते बाधित रहने के बावजूद 2025 में चार धाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 51 लाख के पार रही. इस बार 51 लाख 4 हजार 975 तीर्थयात्रियों ने चार धाम की तीर्थयात्रा की. तीर्थयात्रियों का यह आंकड़ा पिछले वर् (2024) के मुकाबले 4 लाख 35 हजार 901 अधिक है. गौरतलब है कि 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा की शुरुआत हो गई थी. यमुनोत्री और गंगोत्री के बाद केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले थे.
बद्रीनाथ धाम के कपाट सबसे आखिर में खुले थे और अब सबसे आखिर में धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चार धाम यात्रा का समापन हो गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल सबसे ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंचे. 17 लाख 68 हजार 795 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम की तीर्थयात्रा की. वहीं, बद्रीनाथ पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की तादाद भी 16 लाख के पार रही. बद्रीनाथ धाम की तीर्थयात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की तादाद 16 लाख 60 हजार 224 रही.
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7 लाख 57 हजार 10 तीर्थयात्रियों ने गंगोत्री, 6 लाख 44 हजार 505 तीर्थयात्रियों ने यमुनोत्री धाम की तीर्थयात्रा की. हेमकुंड साहिब में भी श्रद्धालुओं की संख्या पहली बार दो लाख 74 हजार 441 तक पहुंची. यह हेमकुंड साहिब की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों का सबसे अधिक आंकड़ा है. सीएम धामी ने रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्रियों के आने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा के बेहतर प्रबंधन को श्रेय दिया है. उन्होंने मार्ग सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिए जाने का दावा करते हुए कहा है कि इसी वजह से चुनौतियों के बावजूद रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे.
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अब चारों धाम के कपाट बंद होने के साथ ही पांडुकेश्वर, ज्योतिर्मठ, ऊखीमठ, मुखबा और खरसाली में होने वाली शीतकालीन पूजा और यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम धामी ने निर्देश दिए हैं कि शीतकालीन यात्रा मार्गों पर ठहरने और सुरक्षा सुविधाओं को और मजबूत किया जाए तथा पारंपरिक से लेकर आधुनिक माध्यमों तक प्रचार-प्रसार बढ़ाया जाए. सीएम ने यह निर्देश शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिए हैं.