भारत एक ऐसा देश है जहां धर्म, आस्था और तीर्थयात्राओं का विशेष महत्व है. हिन्दू धर्म में "चारधाम यात्रा" (Chardham Yatra) को अत्यंत पवित्र और मोक्षदायक माना गया है. उत्तराखंड राज्य में स्थित चार प्रमुख धार्मिक स्थलों में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री शामिल है, जिसका यात्रा की जाती है. यह यात्रा आध्यात्मिकता, साहस और प्रकृति की सुंदरता का अद्भुत संगम है.
चारधाम यात्रा को जीवन की मुक्ति का मार्ग माना गया है. मान्यता है कि इस यात्रा को करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही, यह यात्रा श्रद्धालुओं को कठिन परिस्थितियों का सामना करना सिखाती है और आत्मबल को मजबूत करती है.
यमुनोत्री- यह यमुना नदी का उद्गम स्थल है और यहां यमुनोत्री देवी का मंदिर स्थित है. यह चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव होता है. यहां श्रद्धालु गर्म जलकुंड में स्नान कर पूजा करते हैं.
गंगोत्री- यह गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है, जहां गंगा माता के मंदिर में भक्त दर्शन करते हैं. गंगोत्री हिमालय की गोद में बसा हुआ है और यहां की प्राकृतिक छटा मन मोह लेती है.
केदारनाथ- यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और भगवान शिव को समर्पित है. केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से लगभग 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां पहुंचना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन यह यात्रा अत्यंत पुण्यकारी मानी जाती है.
बद्रीनाथ- यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और चारधाम का अंतिम तथा अत्यंत पावन स्थान है. बद्रीनाथ मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं.
चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, भक्ति और प्रकृति से जुड़ने का अनोखा अनुभव है. जो भी व्यक्ति यह यात्रा करता है, वह आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होकर लौटता है. इसलिए कहा जाता है "चारधाम की यात्रा, जीवन का आध्यात्मिक उत्सव है"
उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने यह भी बताया कि बचाव कार्य जारी है तथा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें घटनास्थल पर तैनात हैं. क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बादल फटने की घटना हुई.
पवित्र केदारनाथ धाम में इस साल आस्था का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा है. 2 मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक 10 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. कठिन पर्वतीय रास्तों, मौसम की चुनौतियों और लंबी यात्रा के बावजूद भक्त काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. मंदिर परिसर हर शाम हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में आरती से गूंज रहा है.
केदारनाथ के पास हुए हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद उत्तराखंड सरकार एक्शन में है.. उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है.
उत्तराखंड में हाल में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर संचालन को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार की जाएं, जिसमें हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाए.
Uttarakhand Helicopter Emergency Landing: उत्तराखंड में केदारनाथ जा रहे यात्रियों को ले जा रहे केस्ट्रल एविएशन के हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद DGCA ने कंपनी की सभी उड़ानों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. DGCA का कहना है कि सुरक्षा मानकों में किसी भी तरह की चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उत्तराखंड में जारी चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. शनिवार को यात्रा के दौरान कुल 75,104 श्रद्धालु पांचों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब में पहुंचे. यात्रा नियंत्रण संगठन ऋषिकेश द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक कुल 23,75,668 श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा में शामिल हो चुके हैं.
चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 89 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जिनमें सबसे ज्यादा 41 मौतें केदारनाथ में हुईं. मौतों के कारणों में थकान, बीमारी और सड़क हादसे शामिल हैं. अब तक 22 लाख से अधिक यात्री चारधाम पहुंच चुके हैं. 6 जून को ही 4 मौतें दर्ज हुईं. वहीं, सड़क हादसों में 29 घायल और 1 की मौत हुई है.
चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है. अब तक देशभर से आए 22 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री भगवान केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं. हालांकि भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के साथ-साथ इस बार यात्रा में स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं. अब तक कुल 83 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दर्ज की गई हैं.
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बद्रीनाथ धाम से जुड़ी एक कथा के बारे में बताया कि कैसे भगवान विष्णु ने छल से शिवजी और माता पार्वती को उनके घर से बाहर निकाल दिया था और बद्रीनाथ धाम को अपना निवास स्थान बनाया था. आइए जानते हैं बद्रीनाथ धाम से जुड़ी ये अनोखी कहानी.
चारधाम यात्रा 2025 में अब तक आठ लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. केदारनाथ में सर्वाधिक तीन लाख से अधिक यात्री पहुंचे हैं. सबसे व्यस्त दिन 13 मई रहा जब 60 हजार 820 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. यात्रा प्रबंधन संगठन ने यात्रियों से पंजीकरण और मौसम अनुसार यात्रा योजना बनाने की अपील की है.
Hanuman Chatti Temple: बद्रीनाथ धाम के पास स्थित हनुमान चट्टी मंदिर भी काफी लोकप्रिय है. इस मंदिर से जुड़ा महाभारत का एक प्रसंग भी है. दरअसल, एक बार भीम को अपनी ताकत का घमंड हो गया था. उस समय हनुमान जी ने भीम का अहंकार तोड़ा था. आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी पूरी कहानी.
उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम यात्रा चल रही है. चारधाम यात्रा में हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. अब तक आंकड़ों की बात की जाएं तो अभी तक चारधाम में 6,62,446 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.
चारधाम यात्रा में 12 दिन के भीतर साढ़े पांच लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 19 से 20 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं. पंजीकरण का आंकड़ा 27 लाख पार हो चुका है. मौसम की चुनौतियों के बावजूद केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री धाम में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ है.
Kedarnath Yatra 2025: केदारनाथ यात्रा से पहले एक खास परंपरा निभाई जाती है हनुमान जी के दर्शन की. विशेषकर उत्तराखंड और आसपास के संकटमोचन हनुमान मंदिरों में यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. इसके पीछे एक गहरा धार्मिक कारण है.
बद्रीनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान से खोल दिए गए. पहले दिन भगवान बद्रीविशाल दर्शन के लिए भक्तों का उत्साह चरम पर है और हर तरफ जयकारे लग रहे हैं. पारंपरिक लोक नृत्य-संगीत के साथ आर्मी बैंड की धुनें बजाई गईं. मंदिर को फूलों से भव्य रूप से सजाया गया. बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई. देखें न्यूज बुलेटिन.
कपाट खुलने से पहले मंदिर को भव्य फूलों और आकर्षक रोशनी से सजाया गया था. इस साल बद्रीनाथ धाम परिसर में फोटो और वीडियो लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है. नियमों का उल्लंघन करने पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है.
Tungnath Temple: पंचकेदारों के तृतीय केदार के रूप में प्रतिष्ठित बाबा तुंगनाथ की डोली का विशेष धार्मिक महत्व है. केदारनाथ, मध्यमहेश्वर और तुंगनाथ-इन तीनों केदारों में से केवल बाबा तुंगनाथ की डोली ही नृत्य करती है. मान्यता है कि जब भोलेनाथ अपने क्रोध को प्रकट करना चाहते हैं, तो वह बाबा तुंगनाथ की डोली के माध्यम से प्रकट होता है.
Baba Kedarnath के कपाट खुले, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से की गई पुष्प वर्षा
Kedarnath Dham 2025: इस बार केदारनाथ मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है. ऋषिकेश, गुजरात से आई पुष्प समिति द्वारा मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. इसका नजारा बहुत ही भव्य है. मंदिर की इस आकर्षक सजावट को देखने के लिए भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
Char Dham Yatra हुई शुरू... गंगोत्री, यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुले, जानिए इस साल कितने श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
chardham yatra news: चारधाम यात्रा की शुरुआत अक्षय तृतीया पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूजा-अर्चना की. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. अब तक 22 लाख श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. इस बार 60 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. केदारनाथ और बदरीनाथ धाम 2 और 4 मई को खुलेंगे.