उत्तराखंड हल्द्वानी में आठ फरवरी को एक अवैध मदरसे के ढहाए जाने के बाद दंगा भड़क गया था. इसके बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे. इसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड के चर्चित आईएएस अफसर दीपक रावत को दी गई है, जो कि इस वक्त कुमाऊं कमिश्नर हैं. वह 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे. इस बीच मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद विवादित स्थान पर देखरेख पुलिस चौकी बना दी गई है.
हल्द्वानी एसएसपी प्रहलाद मीणा ने दंगे के बाद पुलिस कार्यवाही की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने आज 6 दंगाइयों को गिरफ्तार किया है. दंगाइयों के कब्जे में मुक्त कराई गई जमीन पर पुलिस चौकी खोली गई है. पुलिस अब तक 36 दंगाइयों को गिरफ्तार कर चुकी है.
एसएसपी ने बताया कि 41 लाइसेंसी हथियारों को भी आज जब्त किया गया है. पुलिस की टीमें लगातार आरोपियों को गिरफ्तार करने में जुटी हुई हैं. दंगे में अब तक कुल 6 लोगों की मौत हुई है. पांच मौतों की पुष्टि प्रशासन पहले ही कर चुका है. वहीं, एक घायल की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई है.
हल्द्वानी पुलिस ने कहा कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप का विश्लेषण कर रही है. अन्य आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी. एसएसपी ने कहा कि हल्द्वानी में आगजनी, तोड़फोड़ और पुलिस कर्मियों पर हमला एक साजिश का हिस्सा था.
मुख्य आरोपी को 2.45 करोड़ रुपये अदा करने का दिया नोटिस
नगर निगम ने मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को नुकसान की भरपाई के लिए वसूली नोटिस जारी कर दिया है. नगर निगम ने आरोपी को 15 फरवरी तक भरपाई की रकम 2.45 करोड़ रुपये अदा करने को कहा है. डेडलाइन के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
डर से हो रहा है लोगों का इलाके से पलायन
उधर, हलद्वानी जिले के बनभूलपुरा में हिंसा के चार दिन बाद मुस्लिम परिवारों ने जिले से बाहर सुरक्षित क्षेत्रों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है. लगभग 500 से अधिक परिवार शहर छोड़ चुके हैं. कई परिवारों को पैदल ही अपने सामानों के साथ सड़कों पर देखा गया.
दंगाइयों के भाग निकलने की प्रशासन को आशंका
प्रशासन ने बनभूलपुरा के सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स को सील कर रखा है. यहां से न तो लोगों बाहर जाने की इजाजत है और न ही कोई अंदर ही जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि इलाके को सील करने का फैसला पुलिस ने इसलिए लिया है क्योंकि जांचकर्ताओं को लगता है कि बड़े पैमाने पर हिंसा में शामिल दंगाई भाग भी सकते हैं.