उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में होने वाली शादियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने जा रही है. इस आशय का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में आ सकता है. शादी का रजिस्ट्रेशन न करवाने वाले जोड़ों पर नकेल कसने की भी सरकार की योजना है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में शादियों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने की बात कही थी. कोर्ट के फैसले के बाद हिमाचल प्रदेश, केरल और बिहार में सरकारें इसे लागू कर चुकी हैं. अब यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार भी प्रदेश में इसे लागू करने की तैयारी कर रही है.
नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ!
बताया जाता है कि सरकार ऐसी व्यवस्था बनाने जा रही है जिसके तहत शादियों का रजिस्ट्रेशन न करवाने वाले जोड़ों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार का मानना है कि एक बार रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर देने से विवाह संबंधी विवादों में कमी आ सकती है.
यही नहीं योगी सरकार इससे एक तीर और दो निशाने लगाने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि शादियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हुआ तो तीन तलाक, बहुविवाह और लव जिहाद जैसी समस्याओं पर भी अंकुश लगाया जा सकता है.