
आज जब देश और दुनिया के कोने-कोने में सनातन धर्म से जुड़े लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृपक्ष के अवसर पर पिंडदान कर रहे हैं तो ऐसे में काशी के गंगा घाट पर लखीमपुर खीरी में मृत हुए किसानों की आत्मा की शांति के लिए भी पिंडदान किया गया.
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर किसानों को शहीद की उपाधि के साथ पूरे विधि विधान और मंत्रोचार के बीच पिंडदान किया गया तो वही मां गंगा का जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक भी किया गया.
लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान मृत हुए किसानों पर नाराजगी देशभर में अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन के जरिए दर्ज कराई जा रही है, लेकिन आज पितृपक्ष के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मृत किसानों की आत्मा की शांति के लिए अनूठे अंदाज में ही विरोध दर्ज कराया गया.
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वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बकायदे वैदिक मंत्रोचार और विधि विधान के साथ मृत किसानों की आत्मा की शांति और प्रेत योनि में ना जाने के लिए पिंडदान किया. इस दौरान बकायदे विधिवत किसानों के लिए पिंडा भी पारा गया और अंत में गंगाजल में प्रवाहित किया गया.
पिंडदान के बाद सपाइयों ने बैनर पोस्टर और तख्तियों पर मृत किसानों को शहीद की उपाधि से नवाजते हुए मां गंगा का जलाभिषेक और दुग्ध अभिषेक भी किया. इस मौके पर प्रदर्शनकारी पिंडदान करने वाले सपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि जिस तरह से निर्दोष किसानों को जलियावाला बाग हत्याकांड की तर्ज पर मौत के घाट उतारा गया. इसका बदला आगामी चुनाव में जनता पीएम मोदी और सीएम योगी को देगी और अगले साल इसी गंगा घाट किनारे इस सरकार सरकार का पिंडदान करके उसे तिलांजलि भी दी जाएगी.
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