ज्ञानवापी मामले में सिविल कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है. ये याचिका विश्व वैदिक सनातन संघ की राष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह बिसेन ने दायर की है. इसमें उन्होंने ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को देने की मांग की है. इसके साथ ही शिविलंग की पूजा-अर्चना का अधिकार देने की भी मांग की है. फिलहाल, कोर्ट ने ये याचिका स्वीकार कर ली है. मामले में कल यानी 25 मई को सुनवाई की जाएगी.
ज्ञानवापी मामले में नया विवाद सामने आया है. अब एक के बजाय दो मूल मामलों की कोर्ट में सुनवाई होगी. सिविल कोर्ट में किरण सिंह बिसेन ने भगवान विश्वेश्वर विराजमान की वाद मित्र के रूप में याचिका दाखिल की है. मामले की सुनवाई कल दोपहर 2 बजे सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में होगी. इस याचिका में विवादित ज्ञानवापी परिसर में भगवान विश्वेश्वर के स्थान पर हिंदुओं को पूजा की अनुमति दिए जाने की मांग की गई है. इसके साथ ही मस्जिद के गुंबद के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किए जाने की भी मांग की गई है.
बता दें कि पहला वाद दायर करने वालीं राखी सिंह और चार अन्य महिलाओं की तरफ से दाखिल किए गए वाद से ये मामला पूरी तरह अलग है. राखी सिंह की साथी महिलाओं द्वारा अलग गुट बनाए जाने के बाद ये वाद दाखिल किया गया है. वहीं, किरण सिंह बिसेन के बारे में बताया गया कि वे राखी सिंह की चाची हैं.
आज क्या हुआ कोर्ट में...
ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेशा ने सुनवाई की और कहा कि वे इस मामले में अब 26 मई को सुनवाई करेंगे. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि 7-11 पर मामला सुना जाए. कोर्ट ने कहा कि 7-11 को पहले सुना जाएगा. इसके साथ ही जिला कोर्ट ने 7 दिन के भीतर सेशन कोर्ट के फैसले पर हुए सर्वे की रिपोर्ट पर दोनों पक्षों से आपत्तियां दाखिल करने को कहा है. मुस्लिम पक्ष से जज ने सर्वे रिपोर्ट पर आपत्ति भी मांगी है. हिंदू सेना ने मामले में पक्षकार बनाने की गुहार लगाई और कहा कि ज्ञानवापी का पूरा परिसर हिंदू पक्षकारों को पूजा के लिए दिया जाए.
हिंदू पक्ष ने कहा कि काशी महादेव की नगरी है और अविमुक्त क्षेत्र भी है. अर्जी में कोर्ट से अपील की गई है कि कोर्ट सभी पक्षों की राय से जगह तय कर मस्जिद को कहीं और बनाने का आदेश दें. ज्ञानवापी का पूरा परिसर शिव परिवार की पूजा अर्चना के लिए हिन्दू पक्ष को दिलवाया जाए.