यूं तो अपने कारनामों से अक्सर उत्तर प्रदेश पुलिस चर्चा में रहती है, लेकिन आज हम आपको यूपी के एक ऐसे दरियादिल पुलिसवाले से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने मानवता की मिसाल कायम कर पुलिस के सकारात्मक पहलू को भी समाज के सामने रखा है. इस पुलिस अफसर ने एक सड़क हादसे में घायल दो गरीब बच्चियों का इलाज खुद अपने खर्चे से कराया है. पुलिसवाले की मदद से ही आज दोनों बच्चियां जिंदा हैं, क्योंकि इनके घरवालों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो इनका इलाज करवा पाते.
इन दोनों बच्चियों के इलाज में अब तक यह पुलिस अफसर 1,12, 000 से ज्यादा रुपये खर्च कर चुके हैं. यूपी के चंदौली जिले के सकलडीहा सर्किल में तैनात यह पुलिस अफसर आज भी उन बच्चियों के इलाज का खर्च खुद उठा रहा है. बच्चियों के परिजन सहित गांववाले भी अब इस पुलिस अफसर को फरिश्ता मानते हैं.

दरअसल पिछले महीने जन्माष्टमी के दिन शाम के वक्त अन्तिमा और संजना नाम की दोनों बच्चियां सड़क से गुजर रहीं थीं. तभी एक तेज रफ़्तार बाइक की चपेट में आने से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गईं. बच्चियों की हालत काफी नाजुक थी. दोनों बच्चियां बेहद गरीब परिवार से हैं और इनके घरवाले मजदूरी करके किस तरह पेट पालते हैं.

ऐसे में इन बच्चियों का इलाज कैसे होगा यह एक विकट समस्या थी, क्योंकि इन दोनों बच्चियों के घरवालों के पास इनके इलाज के लिए पैसे नहीं थे. इस बात की जानकारी जब डिप्टी एसपी त्रिपुरारी पाण्डेय को हुई तो उन्होंने तत्काल अपना एटीएम कार्ड निकाला और अपने एक सिपाही के साथ इन बच्चियों को वाराणसी के ट्रामा सेंटर भेजा ताकि जल्दी से इनका इलाज शुरू हो सके और इन बच्चियों की जिंदगी बचाई जा सके.
बच्चियों को कई दिन तक आईसीयू में रखा गया. उधर परिजन परेशान थे कि इन दोनों के इलाज का लंबा खर्चा कहां से आएगा. लेकिन इस दरियादिल पुलिस अफसर त्रिपुरारी पाण्डेय ने इन बच्चियों को न सिर्फ अस्पताल में भर्ती कराया बल्कि अपनी सैलरी से लाखों रुपए खर्चकर इनकी जान बचा ली.

ये दोनों बच्चियां अस्पताल से अब अपने घर वापास आ गई हैं, लेकिन इलाज अभी भी चल रहा है और उसका पूरा खर्च अब भी त्रिपुरारी पाण्डेय वहन कर रहे हैं. एक पुलिसवाले की इस दरियादिली की चर्चा हर तरफ हो रही है. वहीं बच्चियों के परिजन और गांववाले तो अब त्रिपुरारी पाण्डेय को भगवान का दर्जा देने लगे हैं.
लड़कियों की मां रीता देवी ने बताया कि सीओ साहब ने अगर हमारी बच्चियों को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया होता तो आज हमारी बेटियां ज़िंदा नहीं होतीं. बच्चियों के नाना रविंद्र राजभर और गांव की महिला बिमला देवी ने बताया कि सीओ त्रिपुरारी पाण्डेय हम लोगों के लिए भगवान बनकर आए और न सिर्फ दोनों बच्चियों की जिंदगी बचा ली बल्कि आज भी इलाज का खर्च उठा रहे हैं.
डिप्टी एसपी त्रिपुरारी पाण्डेय ने कहा कि घटनास्थल पर पहुंचकर और वहां के हालात देखने बाद सबसे पहले ये लगा कि इन दोनों बच्चियों की जान बचानी जरूरी है. बच्चियों के परिजन काफी गरीब हैं और पैसे के अभाव में इन बच्चियों का इलाज प्रभावित हो रहा था. इसीलिए मैंने अपना एटीएम कार्ड अपने सिपाही को दिया और घायल बच्चियों के साथ अस्पताल भेजा ताकि पैसे की कमी के चलते इन बच्चियों की जान जोखिम में न पड़े. उन्होंने बताया की आज बच्चियां सही सलामत हैं यह उनके लिए सुकून की बात है.