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यूपी: पूजास्थल पर लाउडस्पीकर नहीं तो हिंदू परिवारों का पलायन

गांव से पलायन करने वाले परिवारों का यहां तक कहना है कि सबकुछ पुलिस और प्रशासन की जानकारी में हो रहा है और जिले के पुलिस कप्तान नियमों का हवाला दे रहे हैं. बिजनौर एसपी उमेश कुमार सिंह ने कहा कि सबकुछ नियमों के तहत हुआ है. 

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बिजनौर का वो पूजा स्थल, जहां से पुलिस ने हटाया लाउडस्पीकर
बिजनौर का वो पूजा स्थल, जहां से पुलिस ने हटाया लाउडस्पीकर

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक गांव से कुछ हिंदू परिवारों के पलायन करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दरअसल पुलिस ने पूजा स्थल से लाउडस्पीकर हटा लिए हैं और घर छोड़ने वाले परिवार इसे सौतेला व्यवहार बता रहे हैं, जबकि पुलिस के मुताबिक सबकुछ नियम के तहत किया गया है.

बिजनौर के गारवपुर गांव से ग्रामीण बैलगाड़ियों और ट्रैक्टर से कई घरों का सामान गांव से बाहर ले जा रहे हैं. घरों की दीवारों पर 'मकान बिकाऊ है' लिख दिया गया है. गांव छोड़ने वाले लोग कह रहे हैं कि वे अब यहां से पलायन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि एक हिंदू पूजा स्थल से प्रशासन ने लाउडस्पीकर हटा लिया है और उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.

बता दें कि गारवपुर गांव की आबादी करीब 4 हजार है, जिसमें हिंदुओं की तादाद सिर्फ 500 और मुसलमान साढ़े 3 हजार हैं. पलायन करने वाले लोगों का कहना है कि पुलिस ने 6 दिन पहले मंदिर से लाउडस्पीकर उतरवाने में एकपक्षीय कार्रवाई की. नाराजगी में इन्होंने अपने घरों पर 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगा दिए हैं.

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गांव से पलायन करने वाले परिवारों का यहां तक कहना है कि सबकुछ पुलिस और प्रशासन की जानकारी में हो रहा है और जिले के पुलिस कप्तान नियमों का हवाला दे रहे हैं. बिजनौर एसपी उमेश कुमार सिंह ने कहा कि सबकुछ नियमों के तहत हुआ है.  

मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस के अधिकारियों ने इन लोगों को 8 तारीख तक विवाद सुलझाने का समय दिया था, लेकिन नाराज परिवारों का आरोप है कि पुलिस ने विवाद सुलझाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली. हालांकि पुलिस ने इसे कुछ लोगों की साजिश बताया है.

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