उत्तर प्रदेश के अफसर अपने ही मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनदेखी कर रही है. यह बात कोई और नहीं खुद अखिलेश सरकार के विधायक और मंत्री कह रहे हैं.
अखिलेश के चाचा और यूपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव और पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने अखिलेश की पुलिस पर वसूली और दलाली का आरोप लगाया है. वहीं एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों पर मुख्यमंत्री के आदेशों न मानने का आरोप लगाया है.
किसान की नहीं होती सुनवाई: शिवपाल
लखनऊ से सपा विधायक रविदास महरोत्रा ने लखनऊ पुलिस के एसएसपी और आईजी से शिकायत की
है कि लखनऊ की पुलिस गरीब दुकानदारों से 50 लाख रुपये हर रोज वसूल कर रही है. प्रदेश के
लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल यादव का कहना है, 'हमारी सरकार बनी थी तब प्रदेश का माहौल बिगड़ा
हुआ था. बेईमानी-भ्रष्टाचार चरम पर था लेकिन अब बिगड़े माहौल को ठीक करने में वक्त लगेगा. हमें
मालूम है कि अधिकारियों की मानसिकता नहीं बदली है. हम जानते हैं कि गरीब किसान अगर किसी
थाने या तहसील में जाए तो उसकी सुनवाई नहीं होती और दलाल जाए तो सुनवाई होती है.'
रविदास महरोत्रा ने कहा, 'लखनऊ शहर के फुटपाथ दुकानदारों की संख्या डेढ़ लाख है. पुलिस उनसे वसूली करती है. उनके साथ कोई भी दंबगई या जुल्म होगा तो हम उसे रोकने के लिए खड़े हैं.'
'सीएम दफ्तर के अधिकारी नकारात्मक हैं'
इस शिकायत के बाद लखनऊ के एसएसपी ने पूरे मामले की जांच कराने का भरोसा जताया है. लेकिन
सरकार की फजीहत का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता. सपा के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह का आरोप
तो और भी दिलचस्प है. उनके मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी नकारात्मक प्रवृत्ति के है और
जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए गंभीर नहीं है. इतना ही नहीं इनका यह भी कहना है कि
पंचम तल पर मौजूद अधिकारी मुख्यमंत्री की बात को भी तवज्जो नहीं देते हैं.
अपने ही मंत्रियों और विधायकों की शिकायत के बारे में जब अखिलेश से पूछा गया तो वह बोले, 'मैं नहीं समझता कि सरकार के खिलाफ कोई साजिश है मगर जिसको भी शिकायत है वो सही फोरम पर आकर शिकायत करे. कार्रवाई की जाएगी और पहले भी कार्रवाई की गई है.'
अखिलेश सरकार की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. उत्तर प्रदेश का गन्ना किसान लखनऊ में विधान सभा के सामने डेरा डाले हुये है और पश्चिमी यूपी के जाट भी नाराज बताए जाते हैं.