उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव के नतीजों से बीजेपी और कांग्रेस, दोनों को करारा झटका लगा है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी की हालत खराब हो गई है.
वाराणसी में बीजेपी को 48 में से सिर्फ 8 सीटें मिली हैं. इतना ही नहीं, पीएम मोदी के गोद लिए गांव जयापुर से भी बीजेपी उम्मीदवार रिंकू सिंह जिला पंचायत चुनाव हार गए. इन चुनाव में कांग्रेस को भी बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की संसदीय सीट अमेठी में कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया है. कांग्रेस अमेठी की जिला पंचायत की आठों सीटें हार गई.
उधर, सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी को भी झटका लगा है. समाजवादी पार्टी के कई मंत्रियों और पार्टी नेताओं के रिश्तेदार या तो चुनाव हार गए हैं. वाराणसी में मंत्री सुरेंद्र पटेल के भाई महेंद्र पटेल की पत्नी शकुंतला देवी बीडीसी का चुनाव हार गईं.
एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव के निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ के तमौसी गांव में पार्टी समर्थित उम्मीदवार चुनाव हार गया. मुलायम ने इस गांव को गोद लिया है. असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन ने आजमगढ में खाता खोला और उसके द्वारा समर्थित एक उम्मीदवार मकसुदिया में जीत गया.
इन चुनावों में मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने प्रभावशाली प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया. पार्टी समर्थित अधिकांश उम्मीदवार जीत गए.
यहां बता दें कि पंचायत चुनाव किसी पार्टी के चुनाव निशान पर नहीं लड़े जाते, लेकिन पार्टियां उम्मीदवारों को अपना समर्थन देती हैं. ये परिणाम इस लिहाज से भी अहम हैं कि ये विधानसभा चुनाव से लगभग डेढ़ साल पहले आए हैं.