उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेताओं के दलितों के घर जाकर भोजन करने का सिलसिला जारी है और इसी के साथ पार्टी को तमाम विवादों का भी सामना करना पड़ रहा है. योगी सरकार में मंत्री अनुपमा जायसवाल ने पहले कहा कि रात भर मच्छर काटने के बावजूद भी मंत्री गांवों में जा रहे हैं लेकिन अब उन्होंने अपने इस बयान पर सफाई दी है.
अनुपमा ने पिछले बयान पर सफाई देते हुए कहा, 'मुझसे पूछा गया था कि दलितों के घर जाने के दौरान हम लोग मच्छरों से दूर रहने के लिए एसी या कूलर का इस्तेमाल करते हैं और बाहर से भोजन मंगवाते हैं. इसके जवाब में मैंने कहा कि यह सच नहीं है और हम भी उसी हालात में रहते हैं जिसमें यह लोग रहते हैं, फिर चाहे हमें मच्छर ही क्यों न काटें.'
इससे पहले अपने बयान में उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा है कि जनता को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये सूबे के मंत्री रात भर मच्छर काटने के बावजूद गांवों में जाकर खुशी का अनुभव कर रहे हैं. अनुपमा ने कहा, ‘योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित हो, इसके लिये सरकार के मंत्री गांव जा रहे हैं, रात-रात भर मच्छर काट रहे हैं, मगर जा रहे हैं, और सबसे बड़ी बात है कि बड़ी प्रसन्नता का अनुभव कर रहे हैं. किसी को दो चैपाल करने को मिली हैं तो वह चार मांग रहा है.’
योगी सरकार में मंत्री अनुपमा ने कहा,‘गरीबों को लाभ हो, किसानों को लाभ हो, हमारा युवा भटके नहीं, इसे ध्यान में रखकर योजनाएं बनायी जा रही हैं.’
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी योजनाओं का जायजा लेने के लिये हाल में प्रतापगढ़ और अमरोहा के गांवों में रात्रि प्रवास किया था. इस दौरान उन्होंने दलित समाज के एक व्यक्ति के घर भोजन भी किया था. हालांकि योगी के दौरे पर भी विवाद हुआ था और मीडिया रिपोर्ट्स में आया था कि जिस व्यक्ति के घर सीएम को भोजन करना था उसकी जगह उन्होंने उसी व्यक्ति के लेखपाल भाई के घर भोजन कर लिया.
बीजेपी सांसद ने उठाए सवाल
मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के दलितों के घर खाना खाने को लेकर जहां विपक्ष के तेवर तल्ख हैं, वहीं बीजेपी में भी इसे लेकर एक राय नहीं है. पार्टी के सांसद उदित राज ने भी इसपर सवाल उठाते हुए कहा है कि दलितों के साथ भोजन करना पर्याप्त नहीं, उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने की जरूरत है.
बीजेपी सांसद ने चेतावनी दी कि जो लोग समुदाय की आकांक्षाओं को नहीं समझ रहे हैं, उन्हें अंजाम भुगतना पड़ेगा. उदित राज ने कहा कि दलितों के घर रात में ठहरने और भोजन करने से ना तो समुदाय सशक्त होगा और ना ही नेताओं को फायदा होगा, राहुल गांधी इसके उदाहरण हैं.