भड़काऊ भाषण केस में वरुण गांधी को बरी किए जाने के पीछे की साजिश पर आज तक के स्टिंग ऑपरेशन का असर हुआ है. उत्तर प्रदेश सरकार वरुण के खिलाफ कोर्ट पहुंची है.
यूपी सरकार ने पीलीभीत जिला कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील दायर की है.
मामले की सुनवाई 10 जून को होगी. गौरतलब है कि वरुण गांधी को सबूतों के अभाव में भड़काऊ भाषण के दो मामलों में बरी किया गया था.
दरअसल, चार साल पहले 2009 के चुनाव में एक भाषण ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया था. बीजेपी नेता वरुण गांधी पर सात और आठ मार्च 2009 को पीलीभीत जिले के डालचंद और बरखेड़ा में भड़काऊ भाषण देने का केस दर्ज हुआ. कई दिनों तक वो सलाखों के पीछे भी रहे. लेकिन चार साल बाद वरुण बेदाग साबित हुए.
इसी बारे में आज तक ने तहलका के साथ मिलकर बड़ा खुलासा किया. कोर्ट में बेशक इस आरोप का कोई गवाह नहीं मिला कि वरुण ने वाकई में डालचंद और बरखेड़ा में नफरत फैलाने वाला भाषण दिया. लेकिन तहलका-आजतक के स्टिंग ऑपरेशन से पता चला कि न सिर्फ वरुण ने जहर उगलने वाला भाषण दिया था, बल्कि मुकदमे से बेदाग बचने के लिए पूरी न्याय प्रक्रिया को तोड़-मरोड़ डाला.
गौरतलब है कि वरुण गांधी पर आरोप है कि उन्होंने चुनावी भाषणों में एक धार्मिक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बातें कहीं थीं जबकि इस युवा सांसद ने इन आरोपों से लगातार इनकार किया है.