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UP: सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से बांध टूटा, सैकड़ों गांव जलमग्न, फसलें डूबीं

यूपी के सिद्धार्थनगर के इटवा तहसील क्षेत्र स्थित सोनौली नानकार के पास अशोगवा-मदरहवा बांध टूट गया. लगातार हो रही बारिश और राप्ती नदी में पानी बढ़ने से बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ गया. इसके चलते बांध टूट गया. बांध टूटने के चलते सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. लोग अपने घरों का सामान लेकर पलायन कर रहे हैं.

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सिद्धार्थनगर के इटवा में जलमग्न हुए कई गांव
सिद्धार्थनगर के इटवा में जलमग्न हुए कई गांव

यूपी के सिद्धार्थनगर में बांध टूट गया. बताया जा रहा है कि बूढ़ी राप्ती नदी में तेज गति से पानी बढ़ने के चलते ये बांध टूट गया. इसके चलते सैकड़ों गांव में पानी भर गया. फसलें भी डूब गईं. गांव के लोग अपने घरों के सामानों को बचाने के लिए जुट गए हैं.

बताया जा रहा है कि सिद्धार्थनगर के इटवा तहसील क्षेत्र स्थित सोनौली नानकार के पास अशोगवा-मदरहवा बांध टूट गया. लगातार हो रही बारिश और राप्ती नदी में पानी बढ़ने से बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ गया. इसके चलते बांध टूट गया. बांध टूटने के चलते सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. लोग अपने घरों का सामान लेकर पलायन कर रहे हैं. 

सिद्धार्थनगर जिले में राप्ती और बूढ़ी राप्ती नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने की वजह से स्थिति खराब होती जा रही है. बीती रात इटवा तहसील क्षेत्र स्थित सोनौली नानकार गांव के पास अशोगवा-मदरहवा बांध टूट गया. लोग रात से ही अपने सामान को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं. हजारों बीघा फसल डूब गई है.

सोनौली नानकार के प्रधान तेज प्रताप जायसवाल ने बताया कि हमारे गांव मे बांध टूट गया है सबके घरों में पानी घुसा है. बहुत विकट स्थिति है. इसके लिए हम सिचाई विभाग को जिम्मेदार मानते हैं. जानकारी देने के बावजूद सिचाई विभाग का कोई अधिकारी नहीं आया. किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है. सबके घरों का सामान खराब हो गया. 

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बलरामपुर में भी बाढ़ का कहर

बलरामपुर में सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. चारो तरफ पानी ही पानी दिख रहा है. यहां स्कूल, घर सब पानी मे डूबे हैं.  लोग या तो घरों की छतों पर या फिर ऊंचे स्थानों पर लिए हुए हैं. राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फ्लड पीएसी के जवान डटे हुए हैं. राहत और बचाव का कार्य लगातार जारी है. हालांकि, यहां कई ऐसे इलाके हैं, जहां राहत और बचाव नहीं पहुंची है. बाढ़ ग्रस्त इलाके में सबसे ज्यादा समस्या पीने के पानी को लेकर है.  राप्ती नदी अभी भी खतरे के निशान से 1.25 मीटर ऊपर बह रही है. 

(इनपुट- अनिल तिवारी) 

 

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