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मदरसों के लिए यूपी बनेगा रोल मॉडल, इस्लामिक के साथ CBSE की पढ़ाई?

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के मदरसों के लिए छुट्टियों का नया कैलेंडर लेकर जारी किया था. इस कैलेंडर में जहां 7 नयी छुट्टियां जोड़ी गईं हैं. वहीं मदरसों के अधिकार में रहने वाली 10 छुट्टियां, जिन्हें ईद-उल-जुहा और मुहर्रम पर लिया जाता था, को घटाकर 4 कर दिया.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

देश के 9 राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लखनऊ में समन्वय सम्मेलन में एकजुट हुए हैं. इस बार ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दिल्ली के बजाए लखनऊ में हो रही है और इसका उद्घाटन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया है.

योगी सरकार यूपी के मदरसों के कायाकल्प करने की दिशा में जिस तरह से कदम बढ़ा रही है. मदरसों में इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ सीबीएसई के पाठ्यक्रम को शामिल कराने के लिए योगी सरकार कमर कस रही है. ऐसे में माना जा रहा है देशभर के मदरसों के लिए यूपी एक रोल मॉडल बन सकता है.

मदरसों पर योगी की नजर

बता दें कि यूपी की सत्ता पर योगी आदित्यनाथ के विराजमान होने के बाद से ही मदरसों के कायाकल्प पर जोर दिया जा रहा है. योगी सरकार शुरू से ही मदरसों की शिक्षा पद्धति को आधुनिक बनाने और उन्हें नया रूप देने के लिए सख्त रवैया अख्तियार किए हुए है. मदरसों को लेकर योगी सरकार ने सख्ती के साथ कई कदम उठाए हैं.

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मदरसों में CBSE पैटर्न

लखनऊ में नौ राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों के क्षेत्रीय समन्वय सम्मेलन में योगी सरकार मदरसों की शिक्षा को लेकर चर्चा करेगी. माना जा रहा है कि मदरसों की शिक्षा के परंपरागत पैटर्न में बदलाव करके इस्लामिक शिक्षा के साथ-साथ सीबीएसई के पाठ्यक्रम और रोजगारपरक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा. ताकि मदरसों से निकलने वाले छात्र बेरोजगार न रह सके.

मदरसों 15 अगस्त पर राष्ट्रीय ध्वज-गान अनिवार्य

योगी सरकार ने मदरसों को लेकर पिछले साल अगस्त के महीने में पहला अहम फैसला लिया था. सूबे के सभी मदरसों को 15 अगस्त पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराना अनिवार्य किया. इसके साथ ही राष्ट्रीय गान को भी गाने का फरमान जारी किया. इतना ही सरकार ने 15 अगस्त के दिन सभी मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जा रहा है या नहीं इसके लिए बकायदा वीडियोग्राफी भी कराया.

मदरसों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

सरकार ने मदरसों को लेकर दूसरा ऐसा कदम उठाया कि जिससे सभी मदरसे उसकी निगरानी में रह सके. सरकार ने अगस्त के महीने में ही सूबे के  सभी मदरसों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया. बता दें कि प्रदेश में कई मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं और इन मदरसों को फंड कहां से मिल रही है, स्टेट मशीनरी को इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी.

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सरकार के इस कदम से मदरसों के प्रबंधन का एकसूत्रीकरण किया गया. इसके अलावा जो मदरसे राज्य सरकार से आर्थिक सहायता पाते हैं और उन्हें कई दूसरे स्रोतों से पैसा मिलता. इसे उन पर लगाम लगाने की दिशा में कदम माना गया.

मदरसों में जुड़े पाठ्यक्रम

सीएम योगी आदित्यनाथ ने मदरसों की शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए उसमें तमाम नए पाठ्यक्रम जोड़े जाने का कदम उठाया था. मदरसों की शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के पाठ्यक्रम अनिवार्य होंगे. मदरसों के पाठ्यक्रम में इतिहास, भूगोल, विज्ञान, गणित, अंग्रेजी आदि की शिक्षा को भी शामिल किया जाए, ताकि तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में मदरसा से पास हुए छात्र भी शामिल हो.

मदरसों में दिवाली-दहशरा पर छुट्टी

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के मदरसों के लिए छुट्टियों का नया कैलेंडर लेकर जारी किया था. इस कैलेंडर में जहां 7 नयी छुट्टियां जोड़ी गईं हैं. वहीं मदरसों के अधिकार में रहने वाली 10 छुट्टियां, जिन्हें ईद-उल-जुहा और मुहर्रम पर लिया जाता था, को घटाकर 4 कर दिया.

उत्तर प्रदेश के मदरसे अमूमन होली और अंबेडकर जयंती को छोड़कर मुस्लिम त्योहारों में ही बंद रहते थे, छुट्टी के नये कलेंडर के मुताबिक मदरसों में महावीर जयंती, बुद्ध पूर्णिमा, रक्षाबंधन, महानवमी, दिवाली, दशहरा और क्रिसमस पर भी अब अवकाश रहेगा.

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