
यूपी चुनाव सिर्फ कुछ महीने दूर है और तमाम राजनीतिक दल जनता के बीच पैठ बनाने की कवायद में जुट गए हैं. एक तरफ बीजेपी-सपा में बैठकों का दौर जारी है तो दूसरी तरफ AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी गठबंधन कर किस्मत आजमाने की कोशिश में हैं. लेकिन अब इस नए गठबंधन को लेकर बवाल हो गया है. कहा जा रहा है कि ओवैसी और ओमप्रकाश ने महाराजा सुहेलदेव का अपमान किया है.
सैयद सालार मसूद गाजी पर सियासत
दरअसल यूपी में महाराजा सुहेलदेव की धरती बहराइच पहुंचकर पूर्वी यूपी के कैंप कार्यालय के उद्घाटन के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर चर्चित गाजी के मजार पर भी सजदा करने पहुंच गए थे. बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है. उनकी नजरों में जिस सैयद सालार मसूद गाजी ने भारत पर 17 बार हमला किया था, उसके आगे माथा टेकना राष्ट्रद्रोह है. इस बारे में योगी कैबिनेट में मंत्री अनिल राजभर ने विस्तार से बात की है.
बीजेपी ने ओवैसी-ओमप्रकाश को राष्ट्रद्रोही क्यों बताया?
अनिल राजभर ने कहा कि बहराइच की धरती पर एक महापुरुष और देशभक्त का अपमान हुआ है. राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव ने देश की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ने का काम किया था. आज उनका अपमान ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर जैसे लोगों ने किया है. सैयद सालार मसूद गाजी की मजार पर जाना हैरान करता है. वो एक आक्रांता था और देश के ऊपर हमला करने वाला शख्स था. देश के हजारों मां-बहनों और हमारे धर्म पर हमला जिसने बोला हो, ऐसे सैयद सालार मसूद के मजार पर जाकर उसको सम्मानित करने का काम ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर ने किया है. यह सुहेलदेव का अपमान है, पूरे देश, गरीब और राजभर का अपमान है.

(बीजेपी नेता अनिल राजभर)
ऐसे लोग राजनीति में कहीं नजर नहीं आने चाहिए. ऐसे लोगों को राजभर समाज अपनी बस्ती में घुसने नहीं देगा और ये दोनों नेताओं ने राष्ट्रद्रोह जैसा काम किया है. उनकी तरफ से कहा गया है कि वे इस मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देने जा रहे हैं और कोई मुकदमा भी दर्ज नहीं करवाएंगे. क्योंकि उनकी नजरों में ऐसा कर दोनों ही नेता को सस्ती लोकप्रियता मिल जाएगी. वे मानते हैं कि चुनाव के दौरान जनता ही इस अपमान का उचित जवाब दे देगी.
ओवैसी के ओमप्रकाश संग गठबंधन पर बीजेपी का तंज
अनिल राजभर ने ओमप्रकाश के भागीदारी संकल्प मोर्चा में 10 दलों के गठबंधन को राजनीतिक जोकरों का गठबंधन बताया और कहा कि ये सिर्फ उलजुलूल का गंठबंधन है. केवल अपने समाज को बेचना. न ही समाज से इनका कोई लेना देना और ना ही देश से लेना देना है. ये देश के दुश्मन का सम्मान करते हैं. यही फर्क है भाजपा और अन्य लोगों में. क्योंकि हम देश के महापुरुषों का सम्मान करते हैं. हमारे प्रधानमंत्री ने उसी बहराइच की धरती पर महाराजा सुहेलदेव की भव्य स्मारक की आधारशिला रखने का काम किया था और आज ओवैसी और ओपी राजभर सैयद सालार मसूद की मजार पर पहुंच गए. जिससे महाराजा सुहेलदेव और हिंदुओं की लड़ाई हुई. यह देश और राजभर समाज कभी नहीं माफ करेगा.
उन्होंने आगे बताया कि हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी का विरोध करते-करते यह इतना अंधे हो जाते हैं कि उनका विरोध करते करते कब देश और महापुरुषों का विरोध करने लगते हैं, यह भी इनको समझ में नहीं आता. ऐसे लोगों का राजनीति में कोई स्थान नहीं है. समाज ऐसे लोगों की राजनीति की दुकान को पूरी तरह से बंद कर देगा.