scorecardresearch
 

UP: 102 एंबुलेंस सेवा में बड़ा फ्रॉड, फर्जी मरीजों को दिखाकर यूं चल रही थी 'लूट'

उत्तर प्रदेश में फर्जी मरीजों की संख्या दिखाकर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी सरकार से धोखाधड़ी कर रही थी. यह मामला जब सामने आया तो अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Advertisement
X
फर्जी मरीज दिखाकर भुगतान ले रही थी कंपनी. (Representational image)
फर्जी मरीज दिखाकर भुगतान ले रही थी कंपनी. (Representational image)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गर्भवती महिलाओं व बच्चों के लिए चल रही है नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा
  • राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में सामने आई गड़बड़ी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश भर में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को नि:शुल्क 102 एंबुलेंस सेवा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. बताया जा रहा है कि बिना किसी मरीज के एंबुलेंस सेवा पूरे प्रदेश में फर्जी तरीके से चलाई गई. इस मामले में डायरेक्टर जनरल और परिवार कल्याण में कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए हैं.

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश में 102 एंबुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं के लिए अस्पताल से घर और घर से अस्पताल तक उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन आरोप है कि एंबुलेंस चलाने के नाम पर फर्जी बिल तैयार कर सरकार से पैसा लिया जा रहा है.

ड्राइवर पर फर्जी मरीजों को लेने के लिए कंपनी दबाव बनाती है और बात नहीं मानने पर नौकरी से निकालने की धमकी देती है. कई ऐसे वीडियो और फोन रिकार्डिंग सामने आए हैं, जिसमें फर्जी मरीज लाने और ले जाने के लिए ड्राइवरों को धमकाया जा रहा है और नौकरी से निकालने का दबाव बनाया जा रहा है. एक युवक ने परेशान होकर सुसाइड कर लिया है. कई को नौकरी से निकाला जा रहा है.

यह भी पढ़ें: लखनऊ: 108 और 102 एंबुलेंस सेवा ठप, अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 19 हजार कर्मचारी

Advertisement

परिवार कल्याण विभाग की डीजी डॉक्टर लिली सिंह के मुताबिक, इस मामले से जुड़े प्रकरण यूपी से पता चले हैं. इसकी जांच के लिए डॉक्टरों की कमेटी बनाई गई है. नेशनल हेल्थ मिशन ने हमें पत्र लिखा था. हमने सभी जिलों को पत्र लिखा है. मामले की जांच कराई जा रही है. अगर कोई इसमें शामिल पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

डीजी हेल्थ वेद व्रत सिंह के मुताबिक, इस मामले में जांच की जा रही है. सभी जिलों से रिपार्ट मंगवाई गई है कि ऐसा किस तरह से हो रहा है. पूरी जांच के बाद जो भी शामिल होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

परिवाद कल्याण विभाग की डीजी डॉक्टर लिली सिंह.

एंबुलेंस संघ के उपध्याक्ष विनय तिवारी का कहना है कि एंबुलेंस चालक लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं. ऐसे में उनको जबरदस्ती चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, क्योंकि कंपनी कहती है कि अगर ज्यादा ट्रिप नहीं लगाओगे तो नौकरी से निकाल दिया जाएगा. कई लोग मानसिक रूप से परेशान हैं. सरकार कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करे. जबरदस्ती एंबुलेंस में कोई भी आदमी लाया जा रहा है. सामान लाया जा रहा है और फर्जी मरीज बनकर बिल भरा जा रहा है.

TOPICS:
Advertisement
Advertisement