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उन्नाव रेप केसः कार हादसे के बाद जागा प्रशासन, चाचा के वकील को मिली सुरक्षा

कार हादसे में 2 की जान जाने और पीड़िता के अलावा उनके वकील की हालत गंभीर होने के बाद जिला प्रशासन पीड़िता के चाचा के वकील को पुलिस सुरक्षा देने जा रहा है. प्रशासन ने अब चाचा के वकील अजेंद्र अवस्थी को सुरक्षा दी है.

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कार हादसे के बाद उन्नाव रेप पीड़िता के वकील की बढ़ाई गई सुरक्षा.
कार हादसे के बाद उन्नाव रेप पीड़िता के वकील की बढ़ाई गई सुरक्षा.

उन्नाव रेप केस उस समय फिर से सुर्खियों में आ गया जब पिछले हफ्ते एक कार हादसे में पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई जबकि उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई. हादसे के बाद चाचा की शिकायत पर विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

हादसे में मारी गई पीड़िता की चाची के अंतिम संस्कार के लिए उसके चाचा को पैरोल पर छोड़ा गया. पीड़िता और उसके परिजनों के हादसा के शिकार होने के बाद अब प्रशासन की नींद टूटी है और उन्हें सुरक्षा देने की व्यवस्था की जा रही है.

कार हादसे में 2 की जान जाने और पीड़िता के अलावा उनके वकील की हालत गंभीर होने के बाद जिला प्रशासन पीड़िता के चाचा के वकील को पुलिस सुरक्षा देने जा रहा है. प्रशासन ने अब पीड़िता के चाचा के वकील अजेंद्र अवस्थी को सुरक्षा दी है. अजेंद्र अवस्थी पीड़िता के चाचा पर चल रहे दूसरे मुकदमों की पैरवी कर रहे हैं.

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इस बीच पीड़िता के चाचा ने कहा, 'बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मेरे पूरे परिवार को खा गया, अब सिर्फ मैं ही बचा हूं.'  महज एक दिन के पैरोल पर जेल से बाहर आए पीड़िता के चाचा अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने गांव पहुंचे थे. इस दौरान वहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी. पुलिस ने अंतिम संस्कार के बाद चाचा को रायबरेली जेल भेज दिया है.

दूसरी ओर, अब यह खबर आ रही है कि पीड़िता के परिवार ने उन्नाव पुलिस को 35 एप्लिकेशन दी थी, जिसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस सवाल पर आईजी एसके भगत ने कहा, 'अब तक जितनी एप्लिकेशन दी गई है, उसे लेकर उन्नाव के एसपी अपनी रिपोर्ट तैयार करें. साथ ही पीड़िता की सुरक्षा में कितने लोग तैनात थे कितने नहीं, कितने साथ नहीं गए, इसकी जांच एसपी कर रहे हैं. एसपी को इसकी भी रिपोर्ट तैयार करनी है.'

पीड़िता की चाची का अंतिम संस्कार बुधवार को शुक्लागंज गंगाघाट में कर दिया गया. पीड़िता के चाचा ने मुखाग्नि दी. जिला प्रशासन इस दौरान वहां मुस्तैद रहा. खुद जिलाधिकारी देवेंद्र पांडे भी घाट पर मौजूद थे. पत्रकारों ने कई बार पीड़िता के चाचा से बात करने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. डीएम का कहना है कि पीड़िता का चाचा न्यायिक हिरासत में है. ऐसे में उसकी सुरक्षा जरूरी है. इस वजह से वह किसी बाहरी से बात नहीं कर सकता.

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