यादव-मुस्लिम-ठाकुर वोटों की तिकड़ी को मजबूत करने के मद्देनजर आज यूपी की अखिलेश सरकार का मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. इसमें वापसी हुई यूपी के बाहुबली विधायक राजा भैया की.
इस विस्तार की वजह से अखिलेश सरकार एक बार फिर विरोधियों के निशाने पर आ गई है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि सपा को तो राजा भैया जैसे ही लोगों की आवश्यकता है. वहीं बीजेपी ने कहा कि अखिलेश सरकार को कानून व्यवस्था और सांप्रदायिकता जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है न कि मंत्रिमंडल विस्तार पर.
भोपाल में कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने राजा भैया को फिर से मंत्री बनाये जाने पर चुटकी लेते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी को ऐसे ही लोगों की जरूरत है.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राज बब्बर ने कहा, 'यह सपा को तय करना है कि वो किसे मंत्री बनाना चाहते हैं या फिर किसे नहीं, लेकिन इतना साफ है कि उनका हर फैसला सिर्फ वोट बैंक से जुड़ा होता है.'
बीजेपी नेता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, 'बीजेपी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. जनता ने पिछले साल उन्हें सरकार चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी. पर प्रदेश में भारी कानून अव्यवस्था और सांप्रदायिकता का माहौल है. पहले सपा सरकार को इसके बारे में कुछ करना चाहिए.'
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता नरेश अग्रवाल ने अपनी सरकार के इस फैसले का बचाव किया है. उन्होंने कहा, 'सीबीआई ने जब राजा भैया को निर्दोष बताया है. तो यह मुख्यमंत्री का विवेकाधिकार है, उन्हें जो सही लगा वही किया.'
सपा पर हमला स्थानीय कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने भी बोला. उन्होंने कहा, 'सपा की सरकार बनाने के बाद अब तक आधे दर्जन बार मंत्रिमंडल में फेरबदल हो चुके हैं. सच तो ये है कि इन बदलावों से कुछ नहीं होने वाला. सरकार को कानून व्यवस्था ठीक करने के लिए कुछ अहम बदलाव करने चाहिए, वो ज्यादा जरूरी हैं.'
मंत्री पद पाने पर राजा भैया ने कहा, 'पिछले साल सूबे में पूर्ण बहुमत से सपा की सरकार बनी. उसके बाद मुझ पर झूठा आरोप लगाया गया. आप सभी लोग उससे अवगत हैं. सीबीआई जांच की मांग हुई. मैंने खुद ही पॉलीग्राफी टेस्ट कराया. मैं उन सब जांचों से बेदाग बरी हुआ हूं. ये नेता जी और मुख्यमंत्री जी का विश्वास और स्नेह है जो ये दायित्व मुझे दोबारा मिला है.'