राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह ने कहा है कि वे शहीद जियाउल हक की विधवा परवीन आजाद के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते हैं. लेकिन ऐसी कोई भी कारवाई का फैसला अपने सर्मथकों से बातचीत करने के बाद ही करेंगे.
गुरुवार को कुंडा के सीओ मर्डर केस से बरी होने के बाद राजा भैया ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि उनके लिए यह एक बड़ा दिन है. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ प्रतापगढ़ और कुंडा के कुछ नेताओं ने साजिश की थी, जो नाकाम हो गई. अपने सर्मथकों का धन्यवाद देने के साथ ही उन्होंने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री का आभार भी जताया. राजा भैया ने कहा कि आज देश में बहुत से लोगों के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है, लेकिन वो पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने खुद सीबीआई को अपना पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट कराने पर सहमति दी थी. साथ ही राजा भैया ने कुंडा के सीओ जियाउल हक की मौत के बारे में कहा कि वो पहले दिन से इस बात को कह रहे थे कि उनकी हत्या बेकाबू भीड़ ने गुस्से में आकर की थी.
कुंडा के सीओ जियाउल हक की हत्या केस से बरी होने के बाद राजा भैया आज काफी खुश नजर आए. लखनऊ में उन्होंने अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि पांच महीने में सच्चाई सब के सामने आ गई है. राजा भैया ने कहा कि वे शुरू से कह रहे थे कि वे निर्दोष हैं. 20 घंटे तक कुंडा में सीबीआई के हर सवाल का जवाब देने के बाद और दिल्ली में आठ घंटे तक पॉलीग्राफी टेस्ट देने के बाद अखिरकार सच्चाई सामने आ ही गई. उन्होंने कहा कि कुंडा के बलीपुर गांव का बच्चा-बच्चा जानता है कि सीओ जियाउल हक की हत्या किसने की थी.
यह पूछे जाने पर कि कुंडा में मारे गए सीओ जियाउल हक की विधवा परवीन आजाद के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखवाने का या मानहानि का कोई मुकदमा दर्ज कराएंगे, इसपर राजा भैया ने कहा कि वे ऐसा कुछ भी अपने सर्मथकों और अपने क्षेत्र के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद ही करेंगे. मंत्री पद की वापसी के बारे में उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. हालांकि उन्होंने चुटकी लेते हुए मीडियावालों से कहा कि अगर वो मदद करें, तो शायद मंत्रिमंडल में उनकी वापसी हो जाए.
राजा भैया ने कहा, 'मैं इस विषय में अपने सर्मथकों से पहले बात करूंगा. फिर अगर ऐसी कोई मानहानि की बात होगी, तो अपने सर्मथकों से बात करने के बाद देखा जाएगा.' मंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'ये आप गलत आदमी से गलत सवाल पूछ रहे हैं. मंत्री बनाना या न बनाने का विषेशाधिकार मुख्यमंत्री का होता है. वो किसको बनाते हैं या नहीं, ये मेरा विषय नहीं है. आप लोग थोड़ा-थोड़ा सहयोग करेंगे तो हो सकता है.'
राजा भैया ने कहा कि ये सारा मामला उनके खिलाफ एक साजिश थी, जिसमें कुंडा में रहने वाले प्रदेश के बड़े नेता भी शामिल हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि इसमें कोई समाजवादी पार्टी का नेता नहीं है, लेकिन उन्होंने साजिशकर्ताओं का नाम बार-बार पूछने के बाद भी नहीं बताया.
राजा भैया ने कहा, 'हमारे साथ दुर्भाग्य है कि जहां कुंडा या प्रतापगढ़ का नाम आता है, वह मीडिया की सुर्खियां बन जाता है, झेलना हमको पड़ता है. देखिए कुंडा बहुत सेंसिटिव जगह है. कुंडा में बहुत बड़े-बडे़ नेताओं के घर हैं. प्रदेश स्तर के कई नेता कुंडा के निवासी हैं. कई बार इशारा किया जा रहा है, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सपा का कोई भी नेता इस साजिश में नहीं था. जिन्होंने इस साजिश को हवा दी, मैं नहीं समझता हूं कि उसने कोई सही काम किया. मरहूम सीओ जियाउल हक की डेथ से उनको कोई शोक या चिंता ही नहीं थी. उनका मकसद था कि राजनैतिक साजिश रच करकर बदनाम करके एक हंगामा खड़ा किया जाए.