उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच शुरू हुई सियासी जंग अभी भी जारी है. दोबारा पद संभालते ही उन्होंने पहले तो राम गोपाल यादव के भांजे को पार्टी से निष्कासित कर दिया, वहीं, सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई के तहत सीएम अखिलेश यादव के सात करीबियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके बाद विरोध में सपा के यूथ विंग के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में जमकर हंगामा काटा. कार्यकर्ताओं ने अखिलेश के समर्थन में अपने खून से इस्तीफा लिख डाला, जबकि छात्रसभा के पदाधिकारियों ने टावर पर चढ़कर नारेबाजी की.
अखिलेश के अध्यक्ष पद के समर्थन में आये थे यूथ विंग
लखनऊ में अखिलेश यादव के अध्यक्ष पद के लिए शनिवार को समाजवादी की युवा विंग के पदाधिकारियों ने सडको पर जम कर हंगामा काटा था. सपा की यूथ विंग के अध्यक्षों ने मांग की थी
की अखिलेश के अध्यक्ष पद के साथ उनका सम्मान वापस किया जाए, वरना वे इस्तीफा देंगे. इसके बाद समाजवादी पार्टी का सियासी माहौल काफी गरमा गया, लेकिन शिवपाल यादव ने प्रदेश
अध्यक्ष की कमान वापस मिलते ही इन सब पर कार्रवाई शुरू कर दी.
11 लोगों पर गिरी शिवपाल की गाज
समाजवादी पार्टी में 7 नेताओं समेत अब तक 11 लोगों पर शिवपाल की गाज गिर चुकी है. रविवार को शिवपाल ने रामगोपाल यादव के भांजे एमएलसी अरविंद यादव और पूर्व प्रधान अखिलेश
कुमार यादव को बर्खास्त किया था. सीएम के करीबी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और महासचिव अरविंद सिंह गोप के भी हटाए जाने की खबर भी आ चुकी है. हालांकि, अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह यादव, आनंद भदौरिया और संजय लाठर और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे और प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव और समाजवादी छात्रसभा के प्रान्तीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव को पार्टी से निकाल दिया गया है. इन नेताओं ने शनिवार को अखिलेश को फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर हंगामा किया था. इन सभी पर मुलायम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप हैं.
'अनुशासनहीनता के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई'
शिवपाल सिंह यादव ने एक्शन मोड में आते हुए कड़े शब्दों में कहा कि सपा में जो भी अनुशासनहीनता करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शिवपाल के डर के चलते लोहिया
वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप तिवारी सहित कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने इस्तीफा दे दिया है. माना जा रहा है कि शिवपाल ने रामगोपाल और अखिलेश यादव को इस बर्खास्तगी के जरिये करारा जवाब दिया है. अब यह कयास लगाये जा रहे हैं कि इसके बाद भी परिवार में कई लोगों पर अभी गाज गिर सकती है.