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यूपी के कई इलाकों में बाढ़ का प्रकोप

सरयू के किनारे बसी अयोध्या में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इन दिनों सरयू की लहरों के उतार -चदाव से लोग खौफजदा हैं. सरयू किनारे के गोंडा से सटे गावों में पानी घुस गया है. फसले  बर्बाद हो रही हैं. लोग अब यही दुआ रहे है कि सरयू अपने रौद्र रूप में ना आये नहीं तो अयोध्या के लोगों के बाद भगवान भी संकट में आ जाएंगे.

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Ganga
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सरयू के किनारे बसी अयोध्या में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इन दिनों सरयू की लहरों के उतार -चदाव से लोग खौफजदा हैं. सरयू किनारे के गोंडा से सटे गावों में पानी घुस गया है. फसले  बर्बाद हो रही हैं. लोग अब यही दुआ रहे है कि सरयू अपने रौद्र रूप में ना आये नहीं तो अयोध्या के लोगों के बाद भगवान भी संकट में आ जाएंगे.

मोक्ष की नगरी में मोक्षदायिनी ने जिंदगी को अस्तव्यस्त कर दिया है. वाराणसी में गंगा के तल्ख तेवर ने घाट के किनारे रहनेवाले लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. गंगा किनारे वेदों का ज्ञान देने वाले पुरोहित अपनी चौकियों सहित घाट के उपर शरण लेने को मजबूर हैं.

यहां गंगा अपने उफान पर है. खतरे के निशान से पानी मात्र चार मीटर दूर है लेकन बारिश ने पहाड़ों पर अपना कहर ढाया तो उसका असर सीधे वाराणसी में देखने को मिलेगा. गंगा का जलस्तर बढ़ने से वाराणसी में संकट गहरा जाएगा.

यूपी के फर्रुखाबाद में भी बाढ़ आई हुई है. यहां गंगा और रामगंगा के बीच का दोआबा इलाका पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. पानी बढ़ने से नदी किनारे बसे गांवों के कई घर-मकान पानी में समा गए हैं. बचे हुए घरों के लोग अपना सामान समेटकर सुरक्षित ठिकानों पर जाने को मजबूर हैं. एक अनुमान के मुताबिक फर्रूखाबाद के करीब 100 गांवों में बाढ़ का संकट है, लेकिन प्रशासन की ओर से राहत का कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

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बाढ़ ने यूपी के बलिया में कहर बरपाना शुरू कर दिया है. गंगा और घाघरा में अबतक सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन जलमग्न हो गयी है. घाघरा के रौद्ररूप ने स्थानीय लोगों के होश उड़ा दिए हैं. कई गावों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. इन नदियों के किनारे बसे लोग अपने ही हाथों से अपना मकान तोड़ रहे है ताकि कटान में घर विलीन होने से पहले घर के कुछ हिस्से बचा लिए जाए.

यूपी के संत कबीर नगर में बीते एक हफ्ते से जारी भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. इस जिले की सभी नदियां उफान पर है. राप्ती, आमी, घाघरा,  कुआनो जैसी नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. हालात इतने बदतर हो गए हैं कि जिले के तीन सौ से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं.

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