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आजम खान के खास, तीन दशक की राजनीति...कौन हैं रामपुर से सपा प्रत्याशी आसिम राजा?

Rampur SP candidate: रामपुर लोकसभा सीट पर सपा के कैंडिडेट का सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया है. सपा ने आजम खान के करीबी आसिम राजा को अपना प्रत्याशी बनाया है, जिनके नाम की घोषणा आजम खान ने खुद की है. मुस्लिम बहुल सीट रामपुर में कांग्रेस-बसपा ने वॉकओवर दे रखा है, लेकिन बीजेपी ने घनश्याम लोधी को उतारा है.

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आसिम राजा और आजम खान
आसिम राजा और आजम खान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रामपुर सीट पर आजम खान परिवार से कैंडिडेट नहीं
  • आसिम राजा को सपा ने लोकसभा उम्मीदवार बनाया
  • आसिम राजा ने अपना सफर कांग्रेस से शुरू किया था

रामपुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी से आसिम राजा को प्रत्याशी बनाया गया है, जिसकी घोषणा खुद सपा विधायक आजम खान ने की है. हालांकि, सपा ने रामपुर सीट से आजम खान की पत्नी डॉ. तजीन फातिमा और आसिम राजा के नाम से नामांकन पत्र खरीदा थे. अब आजम खान ने आसिम राजा के नाम का ऐलान कर रामपुर सीट से सपा के कैंडिडेट का सस्पेंस खत्म कर दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि कौन हैं आसिम राजा जिन्हें रामपुर सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.

आसिम राजा फिलहाल रामपुर में समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष हैं और विधायक आजम खान के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं. आजम खान के साथ साये की तरह रहने वाले आसिम राजा को इसका इनाम भले ही आज मिला हो, लेकिन आजम की दोस्ती के लिए उन्हें जेल तक जाना पड़ा है. आजम के करीबियों में पर प्रशासन की नकेल कसी तो आसिम राजा भी नहीं बच सके थे. उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

आजम खान ने परिवार की जगह आसिम राजा को दी अहमियत 

रामपुर लोकसभा उपचुनाव में आजम खान ने पत्नी तजीन फातिमा और अपने परिवार के किसी सदस्य को प्रत्याशी बनाए के बजाय आसिम राजा को अहमियत दी और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए कैंडिडेट घोषित किया है. आसिम राजा के नाम का ऐलान आजम खान ने किया है और उन्हें अपने साथ लेकर नामांकन कराने पहुंचे. 

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आजम के करीबी आसिम राजा रामपुर शहर के मोहल्ला घेर सैफुदीन खां थानागंज के रहने वाले हैं. 59 साल के आसिम के पिता का नाम दिलदार अहमद है और आजम खान की जाति पठान से आते हैं. आसिम राजा ने परस्नातक तक की पढ़ाई कर रखी है, लेकिन शादी नहीं की है. आसिम राजा ने अपना सियासी सफर कांग्रेस से शुरू किया, लेकिन आजम के संपर्क में आने के बाद सपा का दामन थाम लिया. 

आसिम रजा ने नब्बे के दशक में राजनीति में एंट्री की और 1995 से 2002 तक कांग्रेस में कार्यकर्ता रहे. साल 2002 में कांग्रेस को छोड़कर आसिम राजा ने समाजवादी पार्टी की सदस्ता ग्रहण कर ली. आसिम राजा को सपा में लाने में आजम खान की भूमिका रही है. साल 2015 से रामपुर नगर अध्यक्ष  के पद पर नियुक्त हैं, जिसके बाद से अभी तक काबिज हैं. 

आसिम राजा मुख्य तौर पर ठेकेदारी और प्रोपर्टी डीलिंग का कारोबार करते हैं. इतना ही नहीं, फिक्र-ए सेहत नाम से मासिक पत्रिका जो दिल्ली से प्रकाशित होती है उसके संपादक भी हैं. आजम खान ने जेल में रहते 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा तो आसिम राजा ने जाकर उनका नामांकन भरा था. आसिम राजा के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जो उन पर 2018 के बाद लगे हैं. अब रामपुर से सपा के टिकट पर किस्मत आजमाने के लिए उतरे हैं. देखना है कि आजम क्या रामपुर से सीट से उन्हें जिता पाते हैं कि नहीं? 
 

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